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ई-बुक बनाने के नाम पर धोखाधड़ी डायरेक्टर व एजेंट पर जुर्म दर्ज

ई-बुक्स बनने के लिए लोगों से रॉयल्टी के नाम पर पैसे लेकर पीडीएफ फॉर्म में भेजी गई

ई-बुक बनाने के नाम पर धोखाधड़ी डायरेक्टर व एजेंट पर जुर्म दर्ज
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कई लोगों ने लगाये हैं पैसे, कंपनी भागी तो हुआ खुलासा
कोरबा। ई-बुक्स बनने के लिए लोगों से रॉयल्टी के नाम पर पैसे लेकर पीडीएफ फॉर्म में भेजी गई बुक्स को स्कैन करके कंपनी को वापस भेजने पर प्रति पेज के हिसाब से आकर्षक पैसे कमाने का आफर देने वाली नोएडा की एक कंपनी ने कोरबा जिले के इस कंपनी से जुड़े लोगों को करोड़ों का चूना लगाया है। कंपनी के डायरेंक्टर और स्थानीय एजेंट के विरूद्ध जुर्म दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है।
जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश के नोएडा की कंपनी एपीएस के द्वारा कई राज्यों के कई शहरों में अपना यह कारोबार ब्रांच के जरिए फैलाया गया था। किताबों की स्केनिंग के बदले रूपये लेेने वाली इस कंपनी से अनुबंधित सेम टाईम कंपनी ने बिलासपुर जिले में अपना कारोबार बढ़ाया और पिछले दिनों करीब 1 अरब रूपये की जालसाजी करते हुए इसके कर्ताधर्ता द्वारा गायब हो जाने पर मामला सुर्खियों में आया। चूंकि नोएडा की उक्त कंपनी एपीएस के एजेंट बतौर कोरबा के कम्प्यूटर संचालक अमित अग्रवाल ने काम शुरू किया। अमित अग्रवाल ने इस कंपनी से कई लोगों को श्रृंखलाबद्ध जोड़ना शुरू किया। एजेंट के जरिये दर्जनों लोगों ने कंपनी से अनुबंध कर कम समय में ज्यादा रूपये कमाने के लालच में अपना पैसा लगाया।

दरअसल कंपनी की ओर से किताबों को स्केन कर ई-बुक बनाने के लिए 60 हजार पन्नों का स्लॉट दिया जाता था। इसके एवज में सुरक्षा निधि के तौर पर 2.50 लाख रूपये कंपनी जमा कराती थी। ई-बुक बनाने पर उक्त सुरक्षानिधि का चार गुना संबंधित को वापस लौटाया जाना था। कुछ महीने तक कंपनी ने एजेंट के जरिये भुगतान किया जिससे लोगों का भरोसा बढ़ता गया। कोरबा जिले से कई लोगों ने अपना पैसा ई-बुक बनाने में फंसाया है।

इधर दूसरी ओर उक्त कंपनी में पैसा लगाने वालों में से एक राम अवतार अग्रवाल को पता चला कि कंपनी से अनुबंधित सेम टाईम कंपनी 1 अरब लेकर बिलासपुर से चंपत हो गई है तो उसने अपने स्तर पर पता करते हुए शिकायत कोतवाली में की। लिखित शिकायत पर जांच में कंपनी द्वारा धोखाधड़ी कर भागने का पता चला। कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक विवेक शर्मा ने बताया कि राम अवतार अग्रवाल की रिपोर्ट पर एपीएस कंपनी के डायरेक्टर्स राघवेन्द्र सलूजा, अनिकेत श्रीवास्तव, निखिल प्रसाद, आशीष सिन्हा और कोरबा के एजेंट अमित अग्रवाल के विरुद्ध धारा 420, 406, 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की गई है। इनकी तलाश के लिए विशेष टीम का गठन पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में किया गया है।


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