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दक्षिणपंथियों की आलोचना के बाद फ्रांस ने हटाया यूरोपीय ध्वज

आलोचना के बाद फ्रांस ने पेरिस स्थित आर्क दे ट्रायंफ पर लगा यूरोपीय संघ का झंडा उतार लिया.

दक्षिणपंथियों की आलोचना के बाद फ्रांस ने हटाया यूरोपीय ध्वज
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यूरोपीय संघ की अध्यक्षता शुरू करने के मौके को मनाने के लिए आर्क दे ट्रायंफ पर लगाया गया यूरोपीय संघ का झंडा उतार लिया गया. देश के दक्षिणपंथियों ने इस झंडे को फहराने पर आपत्ति जताई थी जिसके बाद सरकार ने अस्थायी तौर पर लगाया गया यह ध्वज उतारने का फैसला किया.

पेरिस स्थित आर्क दे ट्रायंफ फ्रांस का एक ऐतिहासिक स्मारक है, जहां यह ध्वज अस्थायी तौर पर लगाया गया था. लेकिन देश के दक्षिणपंथियों ने ऐसा करने के लिए राष्ट्रपति माक्रों की आलोचना करते हुए कहा कि वह फ्रांसीसी पहचान को नष्ट कर रहे हैं.

फ्रांस में जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव होने हैं जिनमें माक्रों दोबारा किस्मत आजमा सकते हैं. उनके सामने दक्षिणपंथी नेता वैलरी पिक्रेज रिपब्लिकन उम्मीदवार हैं. पिक्रेज ने शुक्रवार को माक्रों से ऐतिहासिक युद्ध स्मारक पर फ्रांसीसी ध्वज वापस लगाने की मांग की थी. उन्होंने कहा, "जिन सैनिकों ने इसके लिए खून बहाया है, उनकी खातिर हमें ऐसा करना चाहिए.”

खुश हुए दक्षिणपंथी
यह ध्वज नव वर्ष की पूर्व संध्या पर वहां लगाया गया था. इस बारे में पिक्रेज ने ट्विटर पर लिखा, "यूरोप की अध्यक्षता, हां. फ्रांसीसी पहचान का क्षरण, नहीं.”

रविवार को यूरोपीय संघ का ध्वज हटाए जाने के बाद अन्य दक्षिणपंथी नेता मरीन ला पेन ने इसे धुर-दक्षिणपंथ की जीत बताया. एक दिन पहले ही ला पेन ने धमकी दी थी कि यदि ध्वज नहीं हटाया गया तो वह फ्रांस की काउंसिल ऑफ स्टेट में शिकायत करेंगी.

ला पेन ने रविवार को कहा, "सरकार को आर्क दे ट्रायंफ से यूरोपीय संघ का ध्वज हटाने के लिए मजबूर कर दिया गया. 2022 की शुरुआत के लिए एक सुंदर देशभक्तिपूर्ण जीत.” उन्होंने ट्विटर पर दावा किया कि लोगों के विशाल लामबंदी ने सरकार को ऐसा करने पर मजबूर किया.

‘हम झुके नहीं'
फ्रांसीसी सरकार ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि किसी मजबूरी में ध्वज उतारने का फैसला लिया गया. पहले शुक्रवार को कहा गया था कि यह ध्वज ‘कई दिन तक' लगा रहेगा. फ्रांस के यूरोपीय मामलों के मंत्री क्लेमां बूने ने कहा कि ध्वज को तयशुदा योजना के तहत ही उतारा गया है.

बूने ने फ्रेंच इंटर रेडियो को बताया, "यह तय था कि ध्वज रविवार को उतारा जाएगा. हमने इसके लिए कोई समय तय नहीं किया था.” बूने ने हालांकि कहा कि सरकार पीछे नहीं हटी है. उन्होंने दक्षिणपंथियों पर बेबुनियाद विवादों के पीछे भागने का आरोप लगाया.

बूने ने कहा, "हम पीछे नहीं हटे हैं. योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया. मैं पूरी तरह से मानता हूं कि फ्रांस का भविष्य यूरोप के साथ है.” उन्होंने स्पष्ट किया कि यूरोपीय ध्वज हटाकर फ्रांसीसी ध्वज नहीं लगाया गया है क्योंकि यह कोई स्थायी प्रदर्शन नहीं है.

इमानुएल माक्रों ने 2017 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में ला पेन को 34 प्रतिशत के मुकाबले 64 प्रतिशत मतों से हराया था. हालांकि दोबारा चुनाव लड़ने का ऐलान माक्रों ने अब तक नहीं किया है लेकिन इस साल अप्रैल में होने वाले चुनावों में उनकी उम्मीदवारी संभावित है. ला पेन पहले ही अपना अभियान शुरू कर चुकी हैं.


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