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फुटबॉल का सरजात बना फ्रांस

फ्रांस ने उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए पहली बार फाइनल खेल रहे क्रोएशिया को रविवार को 4-2 से पराजित कर 20 साल बाद 21 वें फीफा विश्वकप फुटबॉल टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया

फुटबॉल का सरजात बना फ्रांस
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मॉस्को। फ्रांस ने उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए पहली बार फाइनल खेल रहे क्रोएशिया को रविवार को 4-2 से पराजित कर 20 साल बाद 21 वें फीफा विश्वकप फुटबॉल टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया।

फ्रांस ने 1998 में अपनी मेजबानी में पहली बार विश्व कप जीता था और उस कामयाबी के 20 साल बाद उसने एक बार फिर विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया। इस हार के साथ क्रोएशिया का अपने पहले फाइनल में इतिहास बनाने का सपना टूट गया। क्रोएशिया को आत्मघाती गोल करने का नुकसान उठाना पड़ा।

फ्रांस का यह दूसरा खिताब है और इसके साथ ही वह दो बार विश्व खिताब जीतने वाले अर्जेंटीना और उरुग्वे की श्रेणी में आ गया है।

मात्र 40 लाख की आबादी वाले क्रोएशिया ने अपनी काबिलियत को साबित कर बड़े बड़ों को फुटबाल विश्वकप में पानी पिलाया लेकिन फ्रांस की जांबाजी के सामने उसकी एक न चली। क्रोएशिया ने यदि 18वें मिनट में आत्मघाती गोल नहीं किया होता तो फाइनल की कहानी कुछ और ही होती।

क्रोएशिया के आत्मघाती गोल ने फ्रांस को बढ़त दी जिसे फिर वह मजबूत करता चला गया। फ्रांस ने 65वें मिनट में 4-1 की बढ़त बनाने के साथ ही खिताब पर अपना कब्ज़ा सुनिश्चित कर लिया। क्रोएशिया ने 69वें मिनट में अपना दूसरा गोल किया लेकिन इसके बाद उसके खिलाड़ी फ्रांस की मजबूत रक्षापंक्ति को भेद नहीं पाए।

क्रोएशिया की टीम बेशक खिताब नहीं जीत पायी लेकिन उसके खिलाड़ी एक विजेता की तरह गर्व से सिर ऊंचा कर स्वदेश लौटेंगे।

खिताब जीतते ही फ्रांस के खिलाड़ी और समर्थक जश्न में डूब गए। फ़्रांसिसी खिलाड़ियों ने अपना ध्वज लेकर पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाया और 80 हजार दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। दूसरी तरफ क्रोएशिया के खिलाड़ी सदमे में अपनी जगह खड़े रहे।
अपना तीसरा विश्व कप फाइनल खेल रहे फ्रांस को शुरुआत में क्रोएशिया के अटैक के सामने पसीना बहाना पड़ा लेकिन वे भाग्यशाली रहे कि 18वें मिनट में एंटोयन ग्रिएजमान की फ्री किक पर क्रोएशिया के स्ट्राइकर मारियो मांजुकिच अपने ही गोल में हैडर मार बैठे। यह विश्व कप फाइनल में पहला आत्मघाती गोल था।

इवान पेरिसिच ने 28वें मिनट में शक्तिशाली शॉट से क्रोएशिया को बराबरी दिला दी लेकिन पेरिसिच फिर हैंडबाल भी कर बैठे जिस पर वीडियो रेफेरल के बाद फ्रांस को 38वें मिनट में पेनल्टी मिल गयी जिस पर ग्रिजमैन ने गोल करने में कोई गलती नहीं की और फ्रांस 2-1 से आगे हो गया।

क्रोएशिया ने एक घंटे तक कड़ा संघर्ष किया लेकिन पिछले तीन मैच अतिरिक्त समय तक खेलने के कारण जैसे उसके खिलाड़ियों की ऊर्जा समाप्त हो गयी।

पॉल पोग्बा ने 59वें और और किलियन एमबापे ने 65वें मिनट में गोल कर फ्रांस को 4-1 से आगे किया जिसके साथ ही क्रोएशिया का बचा खुचा संघर्ष समाप्त हो गया।

मांजुकिच ने 69वें मिनट में फ्रांस के गोलकीपर ह्यूगो लोरिस की गलती का फायदा उठाते हुए टीम का दूसरा गोल किया और अपने आत्मघाती गोल की कुछ हद तक भरपाई की लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
अंतिम सीटी बजते ही यह फाइनल पिछले 60 वर्षों में निर्धारित 90 मिनट के समय में सबसे ज्यादा स्कोर वाला फाइनल बन गया।


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