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रूस से अपने राजनयिकों को निकालने के फैसले पर फ्रांस ने जताया अफसोस

फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसे रूस द्वारा चार फ्रांसीसी राजनयिकों को निष्कासित करने के फैसले पर अफसोस है

रूस से अपने राजनयिकों को निकालने के फैसले पर फ्रांस ने जताया अफसोस
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पेरिस। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसे रूस द्वारा चार फ्रांसीसी राजनयिकों को निष्कासित करने के फैसले पर अफसोस है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, मंत्रालय ने कहा, "फ्रांस दूतावास के चार कर्मचारियों को निकाले जाने के रूस के फैसले से हम हैरान नहीं हुए। हमें इसका अफसोस है और इस बात का जिक्र करना चाहते हैं कि आज तक रूस सैलिसबरी हमले में कोई स्पष्टीकरण देने से इनकार करता आया है।"

गौरतलब है कि ब्रिटेन के सैलिसबेरी में पूर्व रूसी जासूस को विषाक्त पदार्थ के जरिए मारने की कोशिश की गई, माना जा रहा है कि इस हमले में रूस का ही हाथ है।

जहर के मामले में मचे बवाल के बीच फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि फ्रांस सभी अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर रूस के साथ रचनात्मक बात करने के लिए तैयार है। चार मार्च को रूस के पूर्व खुफिया अधिकारी सर्गेई स्क्रीपल और उनकी 33 वर्षीय बेटी यूलिया सैलिसबरी के एक शॉपिंग सेंटर की बेंच पर बेसुध पड़े मिले थे।

ब्रिटिश सरकार ने स्क्रीपल पर नर्व टॉक्सिन एजेंट से हमला करने का आरोप रूस पर लगाया।

फ्रांस ने ब्रिटेन के साथ एकजुटता दिखाते हुए सोमवार को चार रूसी राजनयिकों से एक सप्ताह के भीतर देश (फ्रांस) छोड़ देने के लिए कहा और रूस पर पूर्व जासूस को जहर देने का आरोप लगाया।



इससे पहले शुक्रवार को रूस ने 23 देशों के 59 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।

एक अलग बयान में रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने ब्रिटिश राजदूत को भी तलब किया है और उसे सूचित किया है कि ब्रिटेन को रूस में कार्यरत अपने राजनयिकों की संख्या में वैसे ही कटौती करनी होगी, जैसे रूस ने एक महीने के भीतर ब्रिटेन में किया है।

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में स्क्रीपल पर नर्व एजेंट से हमले के मामले में दो दर्जन से ज्यादा देशों ने करीब 150 रूसी राजनयिकों को निकालने की घोषणा की।


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