सीसीआई की जमीन पर बनाई जा रही फोरलेन सड़क
राष्ट्रीय राजमार्ग में बनारी से लेकर मस्तुरी के मध्य निर्माणाधिन राजमार्ग क्रं. 49 में सर्वे से लेकर निर्माण तक केवल और केवल शासकीय संपत्तियों को निशाना बनाया जा रहा है

जांजगीर। राष्ट्रीय राजमार्ग में बनारी से लेकर मस्तुरी के मध्य निर्माणाधिन राजमार्ग क्रं. 49 में सर्वे से लेकर निर्माण तक केवल और केवल शासकीय संपत्तियों को निशाना बनाया जा रहा है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण जांजगीर मोड़ के आगे सीसीआई की लीज की भूमि पर बीचों-बीच सड़क का निर्माण है।
जिससे लीजधारी जमीन दो भागों में बंटकर संयत्र के लिए अनुपयोगी हो गई है। जानकार सूत्रों ने बताया कि पूर्व में जो सर्वे कराया गया था वह सीसीआई की लीज क्षेत्र से बाहर सड़क बनना प्रस्तावित था, किन्तु रसूखदार के प्रभाव में तथा अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए अरबो रूपए के सीसीआई संयत्र को दांव पर लगा दिया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग में बनारी से लेकर मस्तुरी के मध्य निर्माणाधिन राजमार्ग क्रं. 49 के ठेकेदार अग्रवाल इंफ्रा बिल्ड प्रा.लि. के द्वारा शासन के सारे नियम को अगुंठा दिखाते हुए बलपूर्वक कार्य कराया जा रहा है, जिसमेंं सरकारी सम्पतियों का खुलेआम उपयोग किया जा रहा है। इस राजमार्ग के निर्माण के लिए ठेकेदार को निर्मित कार्य का भुगतान तो मिल रहा है किन्तु इसका दुष्परिणाम क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ेगा।
एक ओर जहां शासकीय सपंत्तियों मिट्टी, मुरूम, गिट्टीयों में रायल्टी की भारी मात्रा में चोरी हो रही है, वंही बिक्री और अपने निर्माण कार्य की प्रगति के नाम पर सर्वे से लेकर निर्माण तक केवल और केवल शासकीय संपत्तियों को निशाना बनाया जा रहा है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण जांजगीर मोड़ के आगे सीसीआई की लीज की भूमि पर बीचों-बीच सड़क का निर्माण है। जिससे लीजधारी जमीन दो भागों में बंटकर संयत्र के लिए अनुपयोगी हो गई है। जानकार सूत्रों ने बताया कि पूर्व में जो सर्वे कराया गया था वह सीसीआई की लीज क्षेत्र से बाहर सड़क बनना प्रस्तावित था किन्तु एक राईस मील और उसके बड़े भवन को बचाने के लिए उक्त रसुखदार के प्रभाव में तथा अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए अरबो रूपए के सीसीआई संयत्र को दाव पर लगा दिया गया है।
यह भी जानकारी मिली है कि सीसीआई प्रबंधन के द्वारा सड़क निर्माण पर आपत्ति किये जाने के बावजूद निर्माण कार्य नहीं रोका गया। सीसीआई प्रबंधन ने इस सबंध में अनुविभागिय राजस्व अधिकारी को लिखित में शिकायत किया तथा माननीय उच्च न्यायालय के शरण में भी गये है। मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बाद भी ठेकेदार के द्वारा कार्य कराया जा रहा है।
इस सड़क निर्माण से जनमानस के मध्य यह संदेश जा रहा हैं कि विकास के नाम पर क्षेत्रवासियों के रोजगार पर डाका डालने का काम हो रहा है और प्रशासन मुकदर्शक बना हुआ है। जो सीसीआई का संयत्र पूर्व में क्षेत्र के हजारो बेरोजगारो के लिए रोटी-रोजी का साधन था वह लीज की भूमि के बीचों-बीच सड़क बन जाने से हमेशा के लिए खण्डहर बन जायेगा और राष्ट्रीय राजमार्ग के नियमों के तहत कोई उद्योग स्थापित नही हो पायेगा। जिससे इस संयत्र के निजी हाथों में बिककर पुन: प्रारंभ होने की सभांवना धूमिल हो गई है।
ज्ञात हो कि पूर्व में एनटीपीसी द्वारा सीसीआई के बंद पड़े संयत्र को ज्वाईन्ट वेंचर के द्वारा पून: चालू करने के लिए दो बार सर्वे किया जा चुका था एवं निकट भविष्य में सीसीआई संयत्र के चालू होकर क्षेत्र के हजारो बेरोजगारों के लिए रोजगार की आस जगी थी, लेकिन सीसीआई के लीज जमीन के बीचों-बीच राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से बेरोजगारों की उम्मीद बुझने के साथ-साथ अरबों रूपये का संयत्र अब केवल खंडहर बनकर रह जायेगा। राष्ट्रीय राजमार्ग के अदुर्दशिता पूर्वक निर्माण होने के कारण सीसीआई संयत्र के अनुपयोगी होने से क्षेत्रवासियों में आक्रोश पनपता जा रहा है।
न्यायालय में रिट याचिका की गई है दायर-प्रबंधक
इस संबंध में सीसीआई संयंत्र अकलतरा के प्रबंधक उमाशंकर कुमार का कहना है कि अग्रवाल इंफ्रा बिल्ड प्रा.लि. के मनेजर पी.के. सिह को सीसीआई के लीज जमीन पर निर्माण रोके जाने का अनुरोध करने पर उन्होंने प्रशासन के उच्चाधिकरियों का भय बता कर तथा अभद्र व्यवहार कर दबावपूर्वक निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिसकी शिकायत जिले के प्रशासनिक अधिकरियों से करने के साथ ही अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में माननीय उच्च न्यायालय में रीट याचिका दायर की है।


