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चार वर्षीय बच्ची को कुत्तों ने नोचा

बुलवर्ड सोसाइटी में कुत्ते के काटने से घायल बच्ची का इलाज अभी चल रहा है

चार वर्षीय बच्ची को कुत्तों ने नोचा
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नोएडा। बुलवर्ड सोसाइटी में कुत्ते के काटने से घायल बच्ची का इलाज अभी चल रहा है। लेकिन प्राधिकरण, एसपीसीए के अलावा तमाम अन्य सामाजिक संगठन कुत्तों को लेकर गंभीर होते नहीं दिख रहे। इसका नतीजा सोमवार को बाजिदपुर गांव में देखने को मिला। यहा चार साल की बच्ची और 12 साल के लड़के को कुत्तों ने नोच कर घायल कर दिया।

दोनों बच्चों को एआरवी का इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद प्राथमिक उपचार कर घर भेज दिया गया है। विपिन चौहान सेक्टर-135 के पास गांव बाजिदपुर में परिवार के साथ रहते हैं। सोमवार शाम को उनकी चार वर्षीय बेटी आक्षी घर के बाहर खेल रही थी। इस दौरान उसके चीखने की आवाज आई। बाहर जाकर देखातो बच्ची के हाथ पैर से खून निकल रहा था। लहूलुहान हालत देख बच्चे के पिता घबरा गए। बच्ची को चारों ओर से कुत्तों ने घेर रखा था।

आक्षी के साथ विपिन के किराएदार प्रमोद का बेटा हिमेश भी खेल रहा था। कुत्तों ने उसे भी कई जगह काट रखा था। परिजन दोनों बच्चों को लेकर सेक्टर-110 स्थित स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहा डॉक्टर ने बच्चों को टीटनेस का इंजेक्शन लगाया और घाव की ड्रेसिंग की। बताते चले हाल ही में सेक्टर-100 स्थित बुलबर्ड सोसाइटी में भी एक आठ साल की बच्ची को कुत्तों ने नोच डाला था। उसका इलाज अभी भी चल रहा था। निरंतर बढ़ती घटनाओं को लेकर प्रशासन बिल्कुल भी सख्त होता नहीं दिख रहा। वह सिर्फ नसबंदी के नाम पर खानापूर्ती करने लगा हुआ है।

कोनरवा के एक प्रतिनिधि मंडल ने प्राधिकरण सीईओ से शहर में आवारा कुत्तों से हो रही घटनाओं की वजह बताते हुए नारागजी जाहिर की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि शहर की गली मोहल्ले व सोसाईटीज में कुत्तों की संख्या बहुत बढ़ गई है। जिसका मुख्य कारण लम्बे समय से इनकी नसबंदी न होना है। ऐसे में इनकी बढ़ती संख्या को रोकने के लिए योजनाबद्ध तरीके से नोएडा को चार या छह जोन में बांटकर प्रत्येक जोन में युद्धस्तर पर नियमानुसार नसबंदी की कार्यवाही अलग-अलग संस्थाओं द्वारा की जानी चाहिए।

जिससे इनकी अनावश्यक बढ़ती संख्या को रोका जा सके। नसबंदी हुए कुत्तों की पहचान के लिए उनका सेक्टर व नम्बर आंवटित किया जाए, जिससे उनकी पहचान अलग से हो सके तथा उचित रिकार्ड मेनटेन किया जाना चाहिए और इनकी जनसंख्या गणना की नियमित रूप से की जानी चाहिए।


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