सट्टा लगाते चार सट्टेबाजों को पुलिस ने दबोचा
इंडियन प्रिमियर लीग (आईपीएल) का नशा इन दिनों युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है, ऐसे में सट्टे बाज भी सक्रिय हो गए हैं

ग्रेटर नोएडा। इंडियन प्रिमियर लीग (आईपीएल) का नशा इन दिनों युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है, ऐसे में सट्टे बाज भी सक्रिय हो गए हैं, एसटीएफ की छापेमारी के बाद से सट्टेबाजी को लेकर जिले की भी पुलिस भी सक्रिय हो गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के निर्देश पर पुलिस उपाधीक्षक ग्रेटर नोएडा प्रथम ने थाना नालेज पार्क पुलिस के साथ चार अभियुक्तों को तुगलपुर में सट्टा खेलते खिलाते हुए गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया गया है।
पकड़े गए आरोपियों में राहुल पुत्र परम सुख निवासी कल्याणपुरी दिल्ली, झारखण्डी पुत्र काली चरन निवासी तुगलपुर, रफीक पुत्र सद्दीक निवासी तुगलपुर,जाकिर पुत्र सलीम निवासी तुगलपुर सट्टा लगाते हुए पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। 20 अप्रैल को यूपी एसटीएफ की लखनऊ व नोएडा टीम ने कासना कोतवाली क्षेत्र की जेपी ग्रींस सोसायटी में छापेमारी कर आईपीएल में सट्टा लगाने वाले चार सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया था। जिसमें सट्टेबाज श्याम वोहरा निवासी आगरा, शैलेश, अंकित व जतिन निवासी सोनीपत शामिल थे। मौके से 21 लाख की नकदी, 40 मोबाइल फोन, तीन लैपटाप, वाई फाई माडम, मोबाइल सिगन बूस्टर एंटीना, एक एलईडी टीवी व प्रिंटर बरामद किया गया था।
जेपी ग्रींस सोसायटी से पकड़े गए सट्टेबाज आगरा का रहने वाला श्याम वोहरा पिछले 11 साल से लगातार सट्टा बाजार चला रहा था। सट्टे के माध्यम से उसने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की। रिमांड पर हुई उससे पूछताछ के दौरान पुलिस को अन्य पांच राज्यों में सट्टा केंद्र होने की जानकारी मिली है।
पूछताछ में पता चला है कि 2007 में शुरू हुए आईपीएल के पहले संस्करण में श्याम वोहरा ने छोटी सट्टेबाजी शुरू की थी। 2008 में रिलीज हुई फिल्म जन्नत को देखकर उसने सट्टा को अपना कारोबार बना लिया और अन्य केंद्रों पर बड़े स्तर पर सट्टेबाजी का कारोबार करना शुरू कर दिया। उसके बाद पकड़े जाने पर जेल भी जाना पड़ा था।


