अवैध उगाही के आरोप में चार पुलिसकर्मी निलम्बित
पुलिस अधीक्षक कृष्ण वैभव ने विधायक द्वारा लोनी बॉर्डर पुलिस पर लगाए अवैध वसूली के आरोपों को प्रथम दृष्टया सही माना है

गाजियाबाद। पुलिस अधीक्षक कृष्ण वैभव ने विधायक द्वारा लोनी बॉर्डर पुलिस पर लगाए अवैध वसूली के आरोपों को प्रथम दृष्टया सही माना है।
और अवैध धन वसूलने के आरोप में बॉर्डर थाने के चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। बता दें कि गत शनिवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर लोनी पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया था कि इस संबंध में जिले के आला अधिकारियों से भी शिकायत की गई। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिकायती पत्र के बाद एक दैनिक अखबार में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का बयान आया था कि शासन से विधायक को एक गनर मिलता है।
लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के पास तीन गनर है। दो को वापस करने के लिए बोला है। यह पत्र उसकी प्रतिक्रिया हो सकती है। जिसके बाद विधायक ने अपने गनर वापस कर दिए और ऐलान कर दिया कि जब तक विधायक रहूंगा सरकारी सुरक्षा नहीं लूंगा। लेकिन विधायक ने आला अधिकारियों पर भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को बचाने का आरोप लगाते हुए एक चिट्ठी सोमवार को फिर मुख्यमंत्री को भेजी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि लोनी पुलिस अवैध वसूली में लगी है। क्षेत्र में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। पुलिस के कार्यप्रणाली से सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
इस पत्र के बाद रात में कप्तान ने लोनी बॉर्डर थाने के चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपने आदेश में कहा है कि सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी हुई है कि लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर द्वारा एक पत्र मुख्यमंत्री को प्रेषित किया गया है। जिसमें चौकी प्रभारी राजकुमार कुशवाहा पर भी आरोप थे, एवं लोनी बॉर्डर थाने पर नियुक्त पुलिस कर्मियों द्वारा प्रवेश नामक व्यक्ति की फैक्टरी पर जाकर उत्कोच लेने संबंधी आरोप अंकित किए गए।
इस संबंध में मेरे द्वारा क्षेत्राधिकारी लोनी से जांच कराई गई जांच से चौकी प्रभारी राजकुमार कुशवाहा पर आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। इनपर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। वहीं, बॉर्डर थाने के सिपाही अरुण (2322) सह चालक सिपाही अभय प्रताप (1965 )सिपाही जसवीर सिंह (18192) एवं सिपाही सोनित कुमार (1872 ) को प्रवेश नामक व्यक्ति की फैक्ट्री पर जाना एवं अनुचित लेने के उद्देश्य आवधिक कृतियों में लिप्त होना पाया।
जाने पर प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया। दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करते हुए, विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।


