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बिग बाजार पर फोरम ने ठोका 13 हजार का जुर्माना 

ऐसा आखिर क्या हुआ कि उपभोक्ता बिग बाजार के खिलाफ आक्रोशित होकर उपभोक्ता फोरम में जाने को मजबुर हुआ और फोरम की बेंच ने भी मामले को गंभीर माना और सेवा में कमी बताते हुए 13200 रूपये का जुर्माना ठोक दिया

बिग बाजार पर फोरम ने ठोका 13 हजार का जुर्माना 
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रायगढ़। ऐसा आखिर क्या हुआ कि उपभोक्ता बिग बाजार के खिलाफ आक्रोशित होकर उपभोक्ता फोरम में जाने को मजबुर हुआ और फोरम की बेंच ने भी मामले को गंभीर माना और सेवा में कमी बताते हुए 13200 रूपये का जुर्माना ठोक दिया। शहर के गौरी मंदिर मार्ग पर संचालित बिग बाजार के खिलाफ शहर की ही सुमन मित्तल नाम की महिला इस कदर खफा हुई कि उसने फोरम का दरवाजा खटखटाया और खास बात यह है कि वहां उसके पक्ष में ही फैसला दिया गया।

पूरा मामला कूपन को लेकर है । महिला उपभोक्ता द्वारा बिग बाजार से 1999 रूपये का एक जैकेट क्रय किया था जहां 3 सौ रूपये का कूपन 15 सौ रूपये से अधिक की खरीदी पर था। कूपन को लेकर जब बिग बाजार सीएसडी कस्टमर सर्विस डेस्क से पूछे जाने पर बताया गया कि उनके द्वारा जो जैकेट खरीदा गया है यह कूपन उसमें उपयोग होगा जिसके तहत उसे कैशबैक के रूप में 12 सौ रूपये मिलेगा जो 2-2 सौ रूपये करके छ: माह में आना है बताया गया।

लेकिन कलांतर में कैश बैक की राशि नहीं मिली जब भी बिग बाजार प्रबंधन से जानकारी ली जाती तो हिलाहवाला किया जाता उपभोक्ता द्वारा बिग बाजार के मेल आईडी में मेल कर भी कैशबैक की रकम की मांग की गई लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया। ऐसी स्थिति में उपभोक्ता अपने अधिवक्ता के माध्यम से फोरम में परिवाद दायर किया गया फोरम में बिग बाजार की ओर से कैश बैक के तथ्यों को इंकार किया।

बिग बाजार की ओर से अपने जवाब में कहा कि परिवादी को बताया गया था कि उक्त कूपन जैकेट में लागू नहीं होगा इसलिए वह ये जैकेट न खरीदे। इसके जवाब में परिवादी की ओर बिग बाजार से खरीदे गए जैकेट व 12 सौ रूपये कैशबैक के संबध में रसीद प्रस्तुत किया गया।

फोरम की बेंच के अध्यक्ष एमडी जगदल्ला, सदस्यद्वय शिशिर वर्मा व श्रीमती विदुला तामस्कर की बेंच ने सभी तथ्यों को सुनने के बाद इस निष्कर्स पर पहुंचे कि परिवादी कैशबैक की रकम प्राप्त करने की अधिकारी है। इस मामले में फोरम की बेंच ने कैश बैक की रकम 12 सौ रूपये के साथ 10 हजार मानसिक क्षतिपूर्ति व 2 हजार रूपये वाद व्यय सहित कुल 13200 रूपये एक माह के अंदर भुगतान करने का आदेश दिया।

फोरम की बेंच ने आदेश में यह भी कहा कि यदि एक माह के अंदर डिग्री की समस्त राशि का भुगतान नहीं करता है तो परिवादी को परिवाद प्रस्तुत दिनांक से भुगतान दिनांक तक बिग बाजार द्वारा 9 प्रतिशत ब्याज के साथ देना होगा।


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