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उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटाया गया

उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सभी पदों से हटा दिया गया है

उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटाया गया
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नई दिल्ली। उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सभी पदों से हटा दिया गया है। अब जल्द ही उन पर पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी। पार्टी छोड़कर उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गईं थीं। उत्तराखंड कांग्रेस ने बुधवार को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी ने बड़ा झटका देते हुए पार्टी के तमाम पदों से हटाकर बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव ने पत्र लिखते हुए कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस को सत्ता में लाना चाहती है और बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस लड़ाई लड़ रही है और इस लड़ाई को आप (किशोर उपाध्याय) कमजोर कर रहे हैं, इसलिए अगले आदेश तक आपको तमाम पदों से हटाया जाता है। जल्द ही अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जायेगी।

गौरतलब है कि पिछले दिनों किशोर उपाध्याय बीजेपी नेताओं से मिलने पहुंचे थे जिसके बाद से कांग्रेस में उनके खिलाफ खासी नाराजगी नजर आ रही थी। इसी को देखते हुए पार्टी ने उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। हालांकि ये कांग्रेस में ये पहली बार हुआ है कि पार्टी छोड़ने की अटकलों के मद्देनजर किसी नेता को सभी पदों से हटा दिया गया हो।

लगभग 10 दिन पहले ही उन्होंने दिल्ली पंहुचकर अपनी बात पार्टी फोरम पर रखी थी। उत्तराखंड स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे ने गत 30 दिसंबर को कांग्रेस वॉररूम में प्रदेश से जुड़े कई नेताओं को फीडबैक के लिए बुलाया था, जिसमें अविनाश पांडे से मुलाकात करने किशोर उपाध्याय भी पहुंचे थे।

इस मुलाकात के बाद किशोर उपाध्याय ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि उन्होंने फीडबैक के दौरान पार्टी में एकजुट होकर संतुलन बनाकर चुनाव लड़ने की राय दी। जो बात लगातार वो कांग्रेस पार्टी में उचित फोरम पर उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई मौकों पर पार्टी संतुलन न होने की वजह से चुनाव में पिछड़ जाती है। कई ऐसी सीटें हैं जहां पर मजबूत दावेदार को टिकट मिलने की बजाय किसी अन्य को टिकट दे दी जाती है, इससे पार्टी को नुकसान उठाना पड़ता है। फिलहाल उम्मीद ये लगाई जा रही है कि उनकी अनदेखी की वजह से उपाध्याय प्रदेश प्रभारी समेत कई नेताओं से नाराज चल रहे थे इसलिए बीजेपी के नेताओं से वो लगातार संपर्क बनाये हुए थे।


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