पूर्व केंद्रीय मंत्री एल.पी. शाही का निधन
वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री एल.पी. शाही का शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया

नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री एल.पी. शाही का शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 98 साल के थे। शाही की बहू वीना शाही ने पटना से आईएएनएस को बताया, "उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद गुरुवार को एम्स में भर्ती कराया गया था।"
उन्होंने कहा, "उनका तड़के करीब तीन बजे निधन हो गया।"
उन्होंने बताया कि उनका पार्थिव शरीर शनिवार की शाम को पटना लाया जाएगा, जहां रविवार को उनका अंतिम संस्कार रविवार होगा।
दिग्गज कांग्रेस नेता 1980 में जनता पार्टी के जयनारायण निषाद को हराकर बिहार विधानसभा के लिए चुने गए थे। वह 1984 में मुजफ्फरपुर से सांसद बने और बाद में उन्होंने शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री के रूप में काम किया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ललितेश्वर प्रसाद शाही के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कमी पार्टी के सभी नेताओं को खलेगी। राहुल ने दक्षिण दिल्ली के आरकेपुरम स्थित उनके आवास पहुंचकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
राहुल ने ट्वीट कर कहा, "एल.पी. शाही..स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस कार्यकारिणी समिति) के सदस्य की कमी हम सबको खलेगी।"
उन्होंने कहा, "दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदना और प्रार्थना उनके परिवार के साथ है। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शाही के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा, "शाही के निधन से समाज ने एक महान नेता और सामाजिक कार्यकर्ता खो दिया है। यह राजनीति और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।"
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने अपने शोक संदेश में कहा, "बिहार ने एक महान नेता और एक साहित्यकार को खो दिया है और व्यक्तिगत रूप से यह मेरे लिए बहुत बड़ी क्षति है।"


