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सिरोही के पूर्व राजपरिवार ने किया भगवान राम के वंशज होने का दावा

सिरोही के पूर्व शाही परिवार की ओर से भगवान राम के वंशज होने का दावा किया गया है

सिरोही के पूर्व राजपरिवार ने किया भगवान राम के वंशज होने का दावा
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जयपुर। सिरोही के पूर्व शाही परिवार की ओर से भगवान राम के वंशज होने का दावा किया गया है। जयपुर और मेवाड़ के राजघरानों के ऐसे ही दावों के बाद अब इतिहास के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित हो चुके व्यक्ति ने भगवान राम का वंशज होने की बात कही है। सिरोही के पूर्व महाराजा रघुवीर सिंह देवड़ा के कहा, "यह (राजस्थान) श्री राम के वंशजों की कर्म भूमि है।"

उन्होंने कहा, "अगर अदालत की ओर से हमसे पूछा जाता है तो हम इस संदर्भ में सभी सबूत देने के लिए तैयार हैं। हमारे पास श्री राम के 100 वंशजों की सूची है।"

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के हालिया सवाल का जवाब देते हुए जयपुर की राजकुमारी और राजसमंद से सांसद दीया कुमारी ने ट्वीट कर दावा किया कि जयपुर का पूर्व राजपरिवार भगवान राम के वंशज हैं। इसके अलावा मेवाड़ के शाही परिवार से अरविंद सिंह मेवाड़ ने भी इसी तरह का दावा किया था।

अब प्रसिद्ध इतिहासकार रघुवीर सिंह देवड़ा ने दावा किया है कि भगवान राम के भाई लक्ष्मण के एक पड़पोते मालव थे जिन्होंने मूलस्थान (वर्तमान में पाकिस्तान का मुल्तान) की स्थापना की। उन्होंने कहा, "वह राजधानी थी और हम वंशज हैं।"

उन्होंने कहा, "अगर हम मालव और सिकंदर के बीच युद्ध के वर्षों की गणना करें तो हम उनके 100वें वंशज हैं।"

देवड़ा के अनुसार, मालव के बाद विक्रमादित्य और चंद्रगुप्त मौर्य का वंश चला। उन्होंने कहा 1228 में वे चौहान के रूप में जाने जाते थे और अब देवड़ा कहलाते हैं।

रघुवीर सिंह देवड़ा को इतिहास के अध्ययन में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। वे राजस्थान विश्वविद्यालय से इतिहास में स्वर्ण पदक विजेता भी रहे हैं।


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