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अफगानिस्तान में गोलीबारी में मारा गया आईएस-के का पूर्व प्रमुख

उग्रवादी संगठन इस्लामिक स्टेट-खुरासन (आईएस-के) का पूर्व प्रमुख असलम फारूकी उत्तरी अफगानिस्तान में गोलीबारी के दौरान मारा गया

अफगानिस्तान में गोलीबारी में मारा गया आईएस-के का पूर्व प्रमुख
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नई दिल्ली। उग्रवादी संगठन इस्लामिक स्टेट-खुरासन (आईएस-के) का पूर्व प्रमुख असलम फारूकी उत्तरी अफगानिस्तान में गोलीबारी के दौरान मारा गया। यह खबर एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने दी। आतंकी कमांडर के रविवार को मारे जाने को लेकर परस्पर विरोधी खबरें आ रही हैं।

कथित तौर पर, खैबर-पख्तूनख्वा के ओरकजई जिले का रहने वाला आतंकवादी नेता, संगठित अपहरणकर्ताओं और आपराधिक माफिया के खिलाफ कार्रवाई के दौरान मारा गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्रवाई के दौरान झड़प हुई, जिसमें फारूकी और उसके सहयोगी मारे गए।

हालांकि, सूत्रों का कहना है कि आईएस-के का नेता आतंकवादी संगठन के भीतर आंतरिक विवाद के कारण मारा गया था। उसे दाएश के नाम से भी जाना जाता है।

ओरकजई के एक वरिष्ठ आईएस-के सदस्य ने कहा कि आतंकवादी कमांडर के शव को मंगलवार तक उसके गृहनगर भेज दिया जाएगा।

फारूकी ने 2020 में नंगरहार में आईएस-के के पतन के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार के दौरान अफगान बलों के साथ एक समझौता किया था। बाद में उसे आईएस-के का प्रमुख बना दिया गया और शहाब महाजर ने आतंकवादी गुट को अपने कब्जे में ले लिया।

इस महीने के दौरान मारा गया यह दूसरा हाई-प्रोफाइल आतंकवादी कमांडर है।

एक हफ्ते पहले, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ऑपरेशनल कमांडर और प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी को नंगरहार प्रांत में मार दिया गया था।

48 से 50 वर्ष की आयु के खुरासानी का असली नाम खालिद बलती था। उनकी हत्या के समय वह न केवल टीटीपी का ऑपरेशनल कमांडर था, बल्कि इसका प्रवक्ता भी था।

गिलगित-बाल्टिस्तान के रहने वाले खुरासानी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने पैतृक शहर से प्राप्त की। साल 2007 में वह स्वात में तहरीक निफाज शरीयत मुहम्मदी में शामिल हो गया था।


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