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भारत को विदेश में पहली बार जीत दिलाने वाले कप्तान पद्मश्री अजीत वाडेकर नहीं रहे

देश से बाहर पहली बार जीत का परचम लहराने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर (77) नहीं रहे। उन्होंने बुधवार को मुंबई स्थित जसलोक हॉस्पिटल व रिसर्च सेंटर में अंतिम सांस ली।

भारत को विदेश में पहली बार जीत दिलाने वाले कप्तान पद्मश्री अजीत वाडेकर नहीं रहे
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भारत को विदेश में पहली बार जीत दिलाने वाले कप्तान पद्मश्री अजीत वाडेकर नहीं रहे

नई दिल्ली, 16 अगस्त। देश से बाहर पहली बार जीत का परचम लहराने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर (77) नहीं रहे। उन्होंने बुधवार को मुंबई स्थित जसलोक हॉस्पिटल व रिसर्च सेंटर में अंतिम सांस ली।

दिवंगत वाडेकर पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। अजीत वाडेकर 1971 में पहली बार देश से बाहर जीत दर्ज करने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे। वाडेकर 37 टेस्ट मैच खेले और उन्होंने वेस्ट इंडीज और इंग्लैंड में भारतीय टीम के ऐतिहासिक जीत का हिस्सा रहे।

उनकी कप्तानी में 1970 के दशक में भारत ने वेस्टइंडीज में पांच में जीत हासिल की। इसके बाद इंग्लैंड में तीन मैचों की श्रंखला में भारत ने जीत हासिल की। वाडेकर ने टेस्ट मैच में 2,113 रन बनाए जिसमें उनका 14 अर्धशतक भी शामिल है। वह भारतीय क्रिकेट टीम के सफल कप्तान थे।

वाडेकर का जन्म एक अप्रैल 1941 में मुंबई में हुआ था। उन्होंने 1958 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत की थी। बाद में 1966 में उनका अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण हुआ। वाडेकर 1974 तक भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे। वाडेकर एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भी दो मैच खेले थे। वह बायें हाथ के आक्रामक बल्लेबाज थे।

भारत सरकार ने 1967 से वाडेकर को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया। इसके बाद 1972 में उन्हें पद्मश्री अलंकरण से भी विभूषित किया गया।

क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद उन्होंने मैनेजर के तौर भारत की राष्ट्रीय टीम में अपनी सेवा दी। वह 1990 में मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर थे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व क्रिकेट कप्तान अजीत वाडेकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।


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