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कांग्रेस के पूर्व नेता अशोक तंवर 25 फरवरी को नई पार्टी लॉन्च करेंगे

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मतभेदों के बाद कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अशोक तंवर 25 फरवरी को एक नई पार्टी शुरू करने की तैयारी में हैं

कांग्रेस के पूर्व नेता अशोक तंवर 25 फरवरी को नई पार्टी लॉन्च करेंगे
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नई दिल्ली। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मतभेदों के बाद कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अशोक तंवर 25 फरवरी को एक नई पार्टी शुरू करने की तैयारी में हैं। गुरुवार को यहां के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में 25 स्थानों पर ऑनलाइन लॉन्चिंग के साथ पार्टी की स्थापना की जाएगी। मुख्य कार्यक्रम दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में होगा।

अशोक तंवर से संपर्क करने पर उन्होंने पार्टी का नाम नहीं बताया और 25 फरवरी तक इंतजार करने को कहा। पांच साल से अधिक समय तक कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रहे तंवर ने अपने समर्थकों को 2019 विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित करने के बाद पार्टी छोड़ दी थी।

तंवर के एक करीबी सहयोगी ने कहा कि नई पार्टी हरियाणा केंद्रित नहीं होगी, बल्कि एक राष्ट्रीय पार्टी होगी और यह दलितों और हरियाणा की 36 बिरादरी पर ध्यान केंद्रित करेगी।

तंवर अपनी खुद की पार्टी शुरू करने वाले पहले पूर्व कांग्रेसी नहीं होंगे। इससे पहले भजनलाल ने 2004 में मुख्यमंत्री पद से वंचित होने के बाद हरियाणा जनहित कांग्रेस नामक अपनी पार्टी की स्थापना की थी। हालांकि बाद में इसे कांग्रेस में मिला लिया।

इससे पहले हरियाणा में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी की शुरूआत की थी, लेकिन बाद में वह 2004 में कांग्रेस में लौट आए और अपनी पार्टी का इसमें विलय कर दिया।

कभी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी रहे अशोक तंवर जगन मोहन रेड्डी जैसे युवा नेताओं की राह पर चल रहे हैं, जिन्होंने कांग्रेस छोड़कर वाईएसआरसीपी का गठन किया, जो अब आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी है।

हरियाणा में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है, जबकि जेजेपी के साथ गठबंधन में भाजपा राज्य में शासन कर रही है। तंवर कांग्रेस और भाजपा के बीच एक स्थान की तलाश में हैं और वह राज्य में दलित वोटों को टारगेट करके चलने वाले हैं।

तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बाद, तंवर की नजर उस सेगमेंट पर है, जो भाजपा और कांग्रेस दोनों के खिलाफ है। तंवर के एक करीबी सहयोगी ने कहा कि उम्मीद है कि वह कांग्रेस में भी उन नेताओं को लुभाने की कोशिश करेंगे, जो भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नाखुश हैं और पार्टी में खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं।


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