पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजन्म सुविधा का कानून वापस ले लेना चाहिए : तिवाड़ी
राजस्थान में दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष एवं भाजपा के असंतुष्ट विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजन्म सुविधायें देने के लिए बनाये गये कानून को वापस ले लेना चाहिए

जयपुर। राजस्थान में दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के असंतुष्ट विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजन्म सुविधायें देने के लिए बनाये गये कानून को वापस ले लेना चाहिए।
श्री तिवाड़ी ने उच्च न्यायालय द्वारा इस कानून के खिलाफ दायर की गई जनहित याचिका को स्वीकार कर सरकार को नोटिस भेज कर जवाब मांगने पर आज यहां बयान जारी कर कहा कि वह पहले से ही कहते आ रहे हैं कि सरकार द्वारा बनाया गया यह कानून अलोकतांत्रिक तथा उच्चत्तम न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध है। इस क़ानून के माध्यम से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के जयपुर के सिविल लाइंस स्थित तेरह नम्बर के सरकारी बंगले पर आजन्म क़ब्ज़ा करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही जनता की गाढ़ी कमाई के लाखों रुपये का सालाना ख़र्च भी स्वयं की जीवन भर की सुविधा के लिए सरकारी कोष से करना चाहे है, जो अनैतिक है। यह कानून नई जागीरदारी प्रथा तथा प्रिवी-पर्स की पुनर्स्थापना का काम है।
उन्होंने कहा कि वह शुरु से ही इस क़ानून का विरोध कर रहे हैं। विधानसभा में उन्होंने इसका विरोध किया, राज्यपाल को पत्र लिखा, मुख्यमंत्री को खुला पत्र लिखा तथा भारी जनसमर्थन के साथ गत 25 जून को एकात्म सत्याग्रह कर गिरफ़्तारी भी दी। लेकिन सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार की नजर में लोकतांत्रिक मूल्यों की कोई कीमत नहीं।
उन्होंने कहा कि अभी भी समय है और मुख्यमंत्री को यह क़ानून वापस ले लेना चाहिए तथा बंगला नंबर तेरह को ख़ाली कर मुख्यमंत्री के लिए चिह्नित बंगला नम्बर आठ में शिफ्ट हो जाना चाहिए।


