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पूर्व प्रधान न्यायाधीश नासिर-उल-मुल्क पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त

पाकिस्तान के पूर्व प्रधान न्यायाधीश नासिर-उल-मुल्क को सोमवार को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया

पूर्व प्रधान न्यायाधीश नासिर-उल-मुल्क पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधान न्यायाधीश नासिर-उल-मुल्क को सोमवार को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। वह 25 जुलाई को आम चुनाव होने तक इस पद पर रहेंगे। प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और विपक्ष के नेता खुर्शीद शाह ने संयुक्त प्रेस वार्ता में छह सप्ताह तक चली बातचीत के बाद इसकी घोषणा की। दोनों नेता चुनाव प्रक्रिया के दौरान पाकिस्तान सरकार की अध्यक्षता के लिए मुल्क के नाम पर सहमत हुए।

अब्बासी ने कहा, "हमने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए एक उम्मीदवार का चयन किया है, जो आगामी आम चुनाव में लोकतांत्रिक भूमिका निभाएगा।" उन्होंने कहा कि प्रत्येक नाम पर चर्चा की गई और उन नामों में एक नाम तय किया गया। यह वह नाम है, जिस पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष शाह ने इसे ऐतिहासिक दिन करार देते हुए कहा, "मुल्क को उनकी योग्यता के आधार पर चुना गया है।"

पूर्व न्यायाधीश को अब अगले दो महीनों देश पर शासन करने के लिए एक अंतरिम सरकार गठित करनी होगी। यह दो महीने शुक्रवार से शुरू होंगे। शुक्रवार से एक दिन पहले पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पार्टी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।

पाकिस्तान के चुनावी कानून के मुताबिक, इस अवधि के दौरान अंतरिम प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को सामान्य और जरूरी गतिविधियां करनी होंगी और विवादास्पद फैसलों, महत्वपूर्ण राजनीतिक कदमों और उपायों से बचना होगा। यह उपाय पाकिस्तान की भावी सरकार को प्रभावित कर सकते हैं।

1950 में जन्मे मुल्क पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय में 2005 से 2015 के बीच न्यायाधीश रहे थे। उन्होंने छह जुलाई, 2014 से 16 अगस्त, 2015 तक करीब 11 महीने प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं।

न्यायमूर्ति मुल्क ने पाकिस्तान के 22वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में सेवा की है। उन्होंने 30 नवंबर, 2013 से छह जुलाई, 2014 तक कार्यवाहक मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं।

वह उन सात न्यायाधीशों में से एक हैं, जिन्होंने तीन नवंबर, 2007 को पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ द्वारा आपातकाल लागू कर न्यायाधीशों को जबरन घर भेजने पर निरोधक आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।


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