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पूर्व मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर शंकर धर्माधिकारी का निधन

सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति चंद्रशेखर शंकर धर्माधिकारी, जिन्होंने आपातकाल के दौरान मानवाधिकारों पर एक ऐतिहासिक फैसला दिया था उनका आज एक निजी अस्पताल में निधन

पूर्व मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर शंकर धर्माधिकारी का निधन
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नागपुर। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति चंद्रशेखर शंकर धर्माधिकारी, जिन्होंने आपातकाल के दौरान मानवाधिकारों पर एक ऐतिहासिक फैसला दिया था उनका आज एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थे।

न्यायमूर्ति धर्माधिकारी (91) प्रसिद्ध गांधीवादी, स्वतंत्रता सेनानी, कानून विशेषज्ञ व सामाजिक कार्यकर्ता थे। पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि उनके परिवार में उनकी बेटी अरुणा पाटिल व दो बेटे-बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस.सी.धर्माधिकारी व वकील आशुतोष शामिल हैं।

न्यायमूर्ति धर्माधिकारी का जन्म मध्य प्रदेश के रायपुर में हुआ था। उनका अंतिम संस्कार अंबाजारी घाट शवदाह गृह में गुरुवार देर किया जाएगा।

धर्माधिकारी को कई सम्मान मिले थे, जिनमें पद्मश्री व पद्म भूषण शामिल हैं। न्यायमूर्ति धर्माधिकारी को जुलाई 1972 में बंबई उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्होंने यहां कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सेवाएं दी और नवंबर 1989 में सेवानिवृत्त हुए।

आपातकाल के दौरान अपने ऐतिहासिक फैसले में न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने कहा कि संवैधानिक अधिकारों से अलग जीने का अधिकार स्वाभाविक और मानवाधिकार है और इसलिए आपातकाल के दौरान भी एक नागरिक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है। इसी के तहत उन्होंने उन लोगों की याचिकाओं पर सुनवाई की और रिहाई का आदेश दिया जिनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं था।


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