उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ फॉर्म हाउस मालिकों ने सर्वोच्च न्यायालय का किया रूख
इलाहबाद हाई कोर्ट द्वारा नोएडा प्राधिकरण को बॉम्बिंग रेंज की 482 एकड़ भूमि को चिन्हित कर वायुसेना को देने के आदेश को चुनौती देते हुए एजेएस फॉर्म हाउस एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है

नोएडा। इलाहबाद हाई कोर्ट द्वारा नोएडा प्राधिकरण को बॉम्बिंग रेंज की 482 एकड़ भूमि को चिन्हित कर वायुसेना को देने के आदेश को चुनौती देते हुए एजेएस फॉर्म हाउस एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अदालत में एक स्पेशल लीव पिटीशन दायर की है। इसकी सुनवाई दो फरवरी 2018 को होगी।
एजेएस फार्म हाउस ओनर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सेक्टर-135 में प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि इलाहबाद हाइकोर्ट ने जुलाई माह में एक जनहित याचिका पर यमुना पुश्ता के डूब क्षेत्र में आने वाली करीब 482 एकड़ भूमि जो कि नगली नगला और नगली सागपुर गांव की परिसीमा में आती है उसे वायुसेना को देने का आदेश दिया था।
यह फैसला वायुसेना को 1950 में तत्कालीन सरकार द्वारा बांबिंग रेंज के लिए 482 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के परिप्रेक्ष्य में आया था जो तत्कालीन प्रशान बुलंदशहर जिला अधिकारी के माध्यम से यमुना डूब क्षेत्र में आने वाली इस भूमि को वायुसेना को दिया था।
प्रेसवार्ता के दौरान बताया गया कि 1950 में नगली सागपुर का इलाका बुलंदशहर में न होकर पंजाम राज्य के गुड़गांव जिले के अंर्तगत था। साथ ही जो भूमि अधिग्रहीत की गई थी उसमे नगलीसागपुर शामिल नहीं था।
सिर्फ 105 एकड़ भूमि का अधिग्रहण 1951 किया गया था। लिहाजा एसोसिएशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी जा रही है।


