छत्तीसगढ़: वन विभाग को बाघ की मौजूदगी के प्रमाण मिले
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में वन विभाग को लगभग एक दशक बाद बाघ की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं।

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में वन विभाग को लगभग एक दशक बाद बाघ की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं।
प्रदेश के अचानकमार अभयारण्य से लगे कोरबा वन मंडल में पिछले दो दिन में बाघ ने दो मवेशियों का शिकार किया है। विभाग ने इसके बाद ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र कुदमुरा के बलसेंघा निवासी रामलाल व करम सिंह राठिया के मवेशी जंगल में चरने गए थे, जिन्हें बाघ ने अपना शिकार बनाया। रविवार को दो मवेशियों के शव बरामद हुए।
एसडीओ नटवरलाल अग्रवाल ने बताया कि मवेशियों के पंचनामा के बाद प्रकरण तैयार किया गया है। प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि दी जाएगी। बाघ एक पखवाड़े से घूम रहा है। लोगों को जंगल के भीतर नहीं जाने के लिए कहा गया है।
कोरबा वन मण्डलाधिकारी एस वेंकटाचलम ने बताया कि वन विभाग ने बाघ का पदचिन्ह लेकर जांच के लिए रायपुर भेजा है। इसके पहले लगभग एक दशक पहले कोरबा वन मण्डल में बाघ की मौजूदगी के निशान पाये गये थे।


