Top
Begin typing your search above and press return to search.

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नेपाल के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर की चर्चा

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रविवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने भारत और हिमालयी राष्ट्र के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत पर चर्चा की

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नेपाल के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर की चर्चा
X

काठमांडू। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रविवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने भारत और हिमालयी राष्ट्र के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत पर चर्चा की।

नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक के दौरान विदेश सचिव ने दोनों देशों के बीच सभ्यतागत, घनिष्ठ और बहुआयामी संबंधों की पुष्टि की और द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों को गति प्रदान करने के तरीकों पर चर्चा की। यह यात्रा भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के तहत दोनों देशों के बीच गहरे होते द्विपक्षीय संबंधों को रेखांकित करती है।

भारत-नेपाल सहयोग के एक महत्वपूर्ण संकेत में, विदेश सचिव मिसरी और नेपाल के शहरी विकास मंत्रालय के सचिव मणिराम गेलल ने संयुक्त रूप से काठमांडू में नेपाल भाषा परिषद के नए भवन का उद्घाटन किया। भारत के भूकंप पश्चात पुनर्निर्माण अनुदान के तहत निर्मित यह भवन पुनर्निर्माण प्रयासों में एक कदम आगे है, जो नेपाल को भारतीय सहायता का आधार रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के अनुरूप, उन्होंने ब्लू जैकरांडा (नीले गुलमोहर) का एक पौधा भी लगाया, जो पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति भारत और नेपाल की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इस बात पर जोर दिया कि विदेश सचिव मिसरी की यात्रा भारत और नेपाल के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को जारी रखेगी।

एमईए के बयान में भारत-नेपाल संबंधों की आधारशिला बने लंबे समय से चले आ रहे सभ्यतागत, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंधों पर प्रकाश डाला गया। इस यात्रा से द्विपक्षीय सहयोग को और आगे बढ़ाने की उम्मीद है, इसमें हाल के वर्षों में विशेष रूप से बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी परियोजनाओं में तेजी देखी गई है।

यह यात्रा नेपाल के प्रधानमंत्री ओली द्वारा कार्यभार संभालने के बाद विदेश सचिव मिसरी की नेपाल की पहली आधिकारिक यात्रा है। यह यात्रा नेपाल के लिए एक महत्वपूर्ण विकास भागीदार के रूप में भारत की भूमिका को भी रेखांकित करती है। इसमें भारत ने केंद्रीय बजट 2024-25 में नेपाल को अपनी सहायता बढ़ाकर 700 करोड़ रुपये कर दी है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 550 करोड़ रुपये थी।

विदेश सचिव मिसरी की यात्रा से पहले एक प्रमुख आकर्षण विदेश मंत्रालय और बेंगलुरु स्थित न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होना था।

इस समझौता ज्ञापन के तहत नेपाल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अकादमी (एनएएसटी) के तहत विकसित नेपाल के मुनाल उपग्रह को एनएसआईएल के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) से नेपाल को बिना किसी लागत के प्रक्षेपित किया जा सकेगा। यह समझौता भारत-नेपाल अंतरिक्ष सहयोग में एक मील का पत्थर है। इस समझौता ज्ञापन पर विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (उत्तर) अनुराग श्रीवास्तव और एनएसआईएल के निदेशक ए. अरुणाचलम ने हस्ताक्षर किए। यह दोनों पड़ोसी देशों के बीच अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में बढ़ते सहयोग को दर्शाता है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it