विदेश मंत्री एस जयशंकर आज चीन के दौरे पर
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद निर्मित नयी परिस्थितियों के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर आज चीन की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हो रहे हैं

नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद निर्मित नयी परिस्थितियों के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर आज चीन की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के साथ गहराये तनाव के मद्देनजर विदेश मंत्री के दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
विदेश मंत्री बनने के बाद डॉ. जयशंकर (64) की चीन की यह पहली यात्रा होगी। वह हालांकि 01 जून 2009 से 01 दिसंबर 2013 तक चीन में भारतीय राजदूत के रूप में काम कर चुके हैं। वह वर्ष 1977 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए थे और चीन के अलावा अमेरिका और चेक गणराज्य में भारतीय राजदूत और सिंगापुर में उच्चायुक्त के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
डॉ. जयशंकर भारत-चीन उच्चस्तरीय बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक की सह अध्यक्षता चीन के विदेश मंत्री वांग यी करेंगे।
विदेश मंत्री का चीन दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब कुछ दिन पहले ही चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुयिंग ने अनुच्छेद 370 हटाये जाने की प्रतिक्रया में कहा था,“ चीन ,कश्मीर की वर्तमान स्थिति को गंभीरता से ले रहा है।”
चीन के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था,“ भारत किसी भी देश के आंतरिक मामले को लेकर टिप्पणी नहीं करता है और अन्य देशों से भी ऐसी ही उम्मीद करता है।”
रूस समेत कई देशों ने भारत के इस कदम की प्रशंसा की है जिसमें अनुच्छेद 370 को समाप्त करके जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया है और संवैधानिक ढांचे के अंतर्गत इसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों - लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विभाजित किया गया है।


