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महिलाओं के प्रति सम्मान में कमी के लिए विदेशी शासन जिम्मेदार : नायडू

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को महिलाओं के प्रति सम्मान में कमी के लिए भारत में औपनिवेशिक शासन पर दोषारोपण किया

महिलाओं के प्रति सम्मान में कमी के लिए विदेशी शासन जिम्मेदार : नायडू
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चंडीगढ़। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को महिलाओं के प्रति सम्मान में कमी के लिए भारत में औपनिवेशिक शासन पर दोषारोपण किया। जम्मू-कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिलों में दुष्कर्म की घटनाओं का जिक्र किए बगैर नायडू ने कहा कि भारत में हमेशा महिलाओं को काफी सम्मान करने की परंपरा रही है।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 31वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय परंपरा के अनुसार देश को भारत माता कहते हैं और बड़ी नदियों को महिलाओं का नाम देकर उनकी पूजा की जाती है।

उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक बात है कि ऐसी परंपरा होने के बावजूद महिलाओं को वह सम्मान नहीं दिया जा रहा है जिसका वह हकदार है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वर्षो तक देश में रहा विदेशी शासन जिम्मेदार है।

नायडू ने युवाओं और छात्रों से हिंसा से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि मसलों का हल शांतिपूर्वक हो सकता है इसके लिए सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना उचित नहीं है।

उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में सभी समस्याओं पर सार्थक बहस होती है और रचनात्मक बहस से ही जवाब मिलता है। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। हिंसा से समाधान नहीं हो सकता है।"

उन्होंने छात्रों से अनुशासित रहने और देश के विकास का नजरिया रखने की नसीहत दी।

शिक्षा और रोजगार के बीच कड़ी का जिक्र करते हुए नायडू ने छात्रों को नए अवसर प्राप्त करने के लिए जानकारी और कौशल हासिल करने को कहा।


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