Top
Begin typing your search above and press return to search.

ग्रामीण दूषित पानी पीने पर मजबूर

ग्रामीण गंदे नाले का पानी पीने को मजबूर गाँव कानाकुला के लोग  एक तरफ  सरकार ग्रामीण आदिवासियों के उत्थान के लिए तमाम योजनाऐं चला कर सभी बुनयादी सुविधाऐं मुहैया करा रही है

ग्रामीण दूषित पानी पीने पर मजबूर
X

धरमजयगढ़। इक्कीसवीं सदी में भी आदिम युग में जीवन जीने को बेबस है ग्रामीण गंदे नाले का पानी पीने को मजबूर गाँव कानाकुला के लोग एक तरफ सरकार ग्रामीण आदिवासियों के उत्थान के लिए तमाम योजनाऐं चला कर सभी बुनयादी सुविधाऐं मुहैया करा रही है । सिर्फ कागजों में ही विकास दिखाया है लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही बयाँ कर रही है।

बड़ी विडम्बना है की नगर से महज 16 किलोमीटर दूर ग्रामपंचायत पोटिया के 150 आबादी वाले आश्रित ग्राम कानाकुला के लोग सालो से पीने की पानी के लिए तरस रहे हैं। प्रशासन की उदासीनता के चलते ग्रामीण गंदे पानी पीकर बीमार हो रहे है पम्प व् पानी टंकी के अभाव में गंदे नाले का पानी पीकर जी रहे हैं ।

गाँव कानाकुल के ग्रामीण हेण्डपम्प के अभाव में खेतनुमा गंदे नाले का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं गाँव के सभी लोग पेयजल के लिए नाले पर आश्रित हैं कारण गाँव में एक मात्र हेण्डपम्प है जो सालो से बिगड़ी पड़ी हुई है जिसे बनाने व् देखने वाला कोई नहीं फलस्वरूप गाँववासी नाले के रेत में गड्ढा खोद बून्द .बून्द पानी इक्कठा कर उसी दूषित जल से अपना और अपने परिवार वालों की प्यास बुझाते आ रहें है दूषित जल से अक्सर गाँव वाले बिमारी के आगोश आ जाते हैं|

इनको इस परेशानी से जूझते देख गाँव के सरपंच ने पी एच ई विभाग को अनेको बार यहाँ के पेयजल की समस्या से अवगत कराया लेकिन स्थानीय अधिकारी कर्मचारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी मानो उन्हें इनकी पेयजल की गंभीर समस्यां से कोई लेना देना ही नहीं है । पी एच ई के अधिकारी कर्मचारी आँख मूंदे बैठे है और अपने कर्तव्य से विमुख हो गए हैं अगर गाँव कानाकुल के आदिवासियों के साथ विभाग यही रवैया अपनाती रही तो निश्चित तौर पे भविष्य में कोई अप्रिय घटना घट सकती है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it