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बाघ के हमलों को रोकने के लिए उप्र के जिले में फोर्स तैनात

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के चेदिपुर गांव में एक बाघ द्वारा तीन आदमियों पर हमला किए जाने के बाद यहां एक विशेष बाघ सुरक्षा बल (एसटीपीएफ) की तैनाती की गई

बाघ के हमलों को रोकने के लिए उप्र के जिले में फोर्स तैनात
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लखीमपुर । उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के चेदिपुर गांव में एक बाघ द्वारा तीन आदमियों पर हमला किए जाने के बाद यहां एक विशेष बाघ सुरक्षा बल (एसटीपीएफ) की तैनाती की गई है। यह हमला रविवार शाम को हुआ। यद्यपि वन अधिकारी बाघ को जंगल की ओर भगाने में कामयाब रहे और इसके साथ ही इलाके में एसटीपीएफ की भी तैनाती कर दी गई है ताकि बाघ आने वाले समय में गांव में प्रवेश न कर सके।

इस तलाशी अभियान के लिए दो हाथी भी लाए गए हैं।

प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) अनिल पटेल ने कहा, "बाघ को घने जंगल में प्रवेश कराने के काम में हाथियों की भी मदद ली जाएगी। हमने भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (डब्ल्यूटीआई) से भी समर्थन की मांग की है, लेकिन हमारी योजना बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की नहीं है क्योंकि यह हमला आकस्मिक प्रतीत होता है। बाघ शायद गन्ने के खेत से होकर एक जंगल से दूसरे जंगल की ओर जा रहा था। गांव ने भी अपने क्षेत्र का विस्तार किया है, जिसके चलते लोगों ने पुराने गलियारे के आसपास भी झोपड़ियां बना ली हैं।"

डीएफओ ने कहा कि बचाव दल और एसटीपीएफ अगले कुछ दिनों तक गांव में रहेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों पर और हमले नहीं हो रहे हैं। विभाग की ओर से जंगल के किनारे एक खाई खोदने का प्रस्ताव रखा गया है ताकि लोगों को वन क्षेत्र में घुसने से रोका जा सके और जंगली जानवर भी दूर रहे। इस काम के शुरू होने की उम्मीद 15 दिनों के भीतर की जा रही है।

उन्होंने आगे कहा कि बाघ के हमले से घायल हुए तीन लोगों में से दो खतरे से बाहर हैं, जबकि तीसरे आदमी राम निवास की हालत अभी भी नाजुक है।

डीएफओ ने कहा, "जारी निर्देशानुसार विभाग द्वारा पीड़ितों के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।"

चेदिपुर गांव दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) के एक बफर जोन, मेलानी रेंज के करीब है।


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