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कश्मीर के टूरिज्म के लिए कोरोना ही नहीं धारा 370 हटाना भी जहर से कम नहीं था

कश्मीर के टूरिज्म की यह बदकिसमती कही जा सकती है कि वह पिछले कई सालों से खुशी के साथ वर्ल्ड टूरिज्म डे इसलिए नहीं मना पाया है

कश्मीर के टूरिज्म के लिए कोरोना ही नहीं धारा 370 हटाना भी जहर से कम नहीं था
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जम्मू । कश्मीर के टूरिज्म की यह बदकिसमती कही जा सकती है कि वह पिछले कई सालों से खुशी के साथ वर्ल्ड टूरिज्म डे इसलिए नहीं मना पाया है क्योंकि आतंकवाद के कारण हमेशा ही टूरिज्म की कमर टूटी है और अब बची खुची कसर पहले पिछले साल 5 अगस्त को लागू लाकडाउन ने पूरी कर दी थी और अब कोरोना ने।

कश्मीर के टूरिज्म सेक्टर को सबसे बड़ा नुक्सान पिछले साल 5 अगस्त से ही उठाना पड़ा है। इस सेक्टर से जुड़े लोगों के मुताबिक, अब तो गणना भी मुश्किल हो गई है कि डेढ़ साल के दौरान कितना नुक्सान हुआ है और कितने लोग बेरोजगार हुए हैं। एक अनुमान कहता है कि टूरिज्म सेक्टर से सीधे जुड़े 2 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। करीब 30 से 40 हजार करोड़ का नुक्सान सिर्फ टूरिज्म सेक्टर को ही उठाना पड़ा है।

यह नुक्सान कितना है अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 6 महीनों की अवधि के बाद जब गुलमर्ग स्थित गंडोला को वर्ल्ड टूरिज्म डे पर खोला गया तो मात्र 36 टूरिस्ट बाहर से आए हुए थे। ऐसी ही दशा होटलवालों, शिकारे वालों तथा अन्य उन लोगों की है जिनकी रोजी रोटी का एकमात्र साधन पर्यटक ही हैं।

ऐसा भी नहीं है कि प्रदेश में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगाई गई हो बल्कि कश्मीर में टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के मुताबिक, फिलहाल अगले कई महीनों तक टूरिस्टों की शक्ल देखना संभव नहीं होगा क्योंकि कश्मीर में कोरोना कहर बरपा रहा है। इस कारण पहले ही अमरनाथ यात्रा को टाला जा चुका है तो जम्मू संभाग में हर साल जुलाई-अगस्त में होने वाली करीब दो दर्जन धार्मिक यात्राओं पर पाबंदी लगाई जा चुकी थी।

शिकारे वाले नजीर अहमद के अनुसार वह सीजन में प्रतिदिन हजार रुपये कमा लेता था, लेकिन अब कई महीनों से वह खाली बैठा है। नईम अख्तर नामक एक होटल व्यावसायी का कहना है कि नवरात्र शुरू होने वाला है, लेकिन यहां कोई नहीं आ रहा है।

एक अनुमान के अनुसार, सिर्फ कश्मीर में टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े दो लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो चुके हैं। जम्मू संभाग का आंकड़ा फिलहाल उपलब्ध नहीं है। जम्मू संभाग में धार्मिक स्थलों से जुड़े करीब 50 हजार लोगों को रोजी रोजी का संकट मुंह बाय खड़ा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में पर्यटन सिर्फ 5 फीसदी रह गया है। इसमें वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं को ही गिना जा रहा है।

--सुरेश एस डुग्गर--


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