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पिछले पन्द्रह वर्षों से पर्यावरण व मानव स्वाथ्य के लिए कर रहे हैं काम

दिल्ली के माल्वेंकर सभागार में विश्व मित्र परिवार द्वारा वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव के अंतर्गत आयोजित 23 वां भूमंडलीय सम्मान समारोह में प्रख्यात पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. जितेंद्र नागर को उनके

पिछले पन्द्रह वर्षों से पर्यावरण व मानव स्वाथ्य के लिए कर रहे हैं काम
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ग्रेटर नोएडा। दिल्ली के माल्वेंकर सभागार में विश्व मित्र परिवार द्वारा वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव के अंतर्गत आयोजित 23 वां भूमंडलीय सम्मान समारोह में प्रख्यात पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. जितेंद्र नागर को उनके सामजिक एव पर्यावरण सरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए 'समाज गौरव' पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।

पिछले दिनों उन्हें भोपाल में एन्वाइरन्मेंटलिस्ट 2017 के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

डॉ. जितेंद्र नागर विगत 15 वर्षों से वायु प्रदूषण व मानव स्वास्थ शोध कार्य कर रहे जिसमें उनके अनेक शोध पत्र राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जर्नल एव पत्रिकाओं में छप चुके हैं।

उन्होंने चार वर्ष केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में राष्ट्रीय गंगा नदी प्राधिकरण एवं नमामि गंगे परियोजना पर कार्य किया है तथा तीन वर्ष वल्लभ भाई पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट में पर्यावरण वैज्ञानिक के पद पर कार्य किया है। वर्तमान में डॉ. नागर दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीम राव अम्बेडर महाविद्यालय के पर्यावरण विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है।

समाज गौरव सम्मान मिलने पर डॉ. जितेंद्र नागर ने कहा कि इस प्रकार के अवॉर्ड से और अधिक ऊर्जा से कार्य करने की शक्ति प्रदान होती है. मै आजीवन पर्यावरण सुरक्षा एव समाज विकास के लिए कार्य करता रहूंगा क्योंकि वर्तमान में जिस प्रकार के हालत है इससे सार्थक कोई कार्य नही है. अगर पर्यावरण एव प्रकृति का ही विनाश हो जाएगा तो फिर किस बात का भौतिक सुखो का जीवन आज जल, वायु, मिट्टी, नदियां, झील, समुन्द्र एव खाद्य पदार्थ सभी प्रदूषित हो गए है जिनकी वजह से मानव एव अन्य जीवधारियों को अनेक जानलेवा बीमारी हो रही है।

मुझे इस प्रतिष्ठत अवॉर्ड के लायक बनाने के मेरे माता-पिता,पत्नी एव मेरे गुरु व मार्गदर्शक प्रोफेसर राज कुमार एव इसडा टीम का बहुत योगदान है। डॉ. नागर ने 2004 में पर्यावरण सुरक्षा एवं जागरूकता के क्षेत्र में कार्य करने हेतु एक राष्ट्रीय संस्था एन्वाइरन्मेंट एंड सोशल डेवेलपमेंट असोसिएशन (इसडा) की स्थापना की थी जो आज उनकी मेहनत एवं लगन से देश का बहुत प्रतिष्ठित संस्थान बन चुका एव 10 राज्यों में कार्यरत है।


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