पहली बार इस वर्ष रेल दुर्घटनाओं में एक भी जान नहीं गयी
रेलवे के इतिहास में वर्ष 2019 ऐसा पहला साल रहा जिसमें रेल दुर्घटनाओं के कारण किसी भी इंसान की जान नहीं गयी

नयी दिल्ली । रेलवे के इतिहास में वर्ष 2019 ऐसा पहला साल रहा जिसमें रेल दुर्घटनाओं के कारण किसी भी इंसान की जान नहीं गयी तथा इस साल रेलवे ने मेक इन इंडिया के तहत विश्वस्तरीय लेकिन दुनिया की सबसे सस्ती सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत के नाम से पटरी पर दौड़ायी और 114 साल पुराने रेलवे बोर्ड के सेवा तंत्र में क्रांतिकारी बदलाव किया।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा किया। उन्होंने कहा कि रेलवे के अनुरक्षण खासकर पटरियों के नवीकरण एवं रखरखाव के तौर तरीकों में बदलाव का यह सुखद परिणाम रहा है कि 2019 ‘ज़ीरो फैटेलिटी’ का वर्ष रहा है और वह दिन दूर नहीं है जब रेलवे ‘ज़ीरो एक्सीडेंट’ के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी।
यादव ने कहा कि रेलवे के अनुरक्षण प्रणाली में आमूलचूल बदलाव किया गया है। मैकेनाइज़्ड तरीके से और योजनाबद्ध ढंग से ब्लॉक लेकर रेल नवीकरण किया गया। रेल के रखरखाव के लिए मशीनों का प्रयोग शुरु किया गया। इसी का परिणाम रहा कि इस वर्ष किसी गाड़ी के पटरी से उतरने के कारण कोई दुर्घटना नहीं हुई। रेलवे के यांत्रिक तंत्र के आधुनिकीकरण की दिशा में इस वर्ष बड़ी उपलब्धियां हासिल हुईं हैं। साढ़े तीन हजार किलोमीटर से अधिक लंबी पटरियों का नवीकरण किया गया जो गत वर्ष की तुलना में करीब 27 प्रतिशत अधिक है। इस साल अप्रैल से नवंबर के बीच 495 विद्युत इंजन बनाये गये जो गत वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है। एलएचबी कोच के निर्माण के मामले में 40 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि रेलवे ने ढांचा विकास के लिए पूंजीगत आवंटन गत वर्ष से करीब 20 प्रतिशत अधिक एक लाख 60 हजार 176 करोड़ रुपए का किया था और नवंबर तक 64 प्रतिशत उपभोग कर लिया गया। विद्युतीकरण में 42 प्रतिशत तथा फुट ओवर ब्रिज के मामले में 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। नई लाइन, दोहरीकरण और अमान परिवर्तन आदि में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है। पूर्वी एवं पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारों में 500 किलोमीटर से अधिक लाइन यातायात के लिए खोल दीं गयी हैं। दिल्ली से मुंबई एवं कोलकाता के ट्रंक मार्गों पर सिगनल प्रणाली के आधुनिकीकरण सहित गति बढ़ाने के लिए 13 हजार करोड़ रुपए की योजना पर काम शुरू हो गया है जो 2021 के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा।
यादव ने बताया कि दिल्ली से मुंबई एवं कोलकाता के मार्गों पर मांग के आधार पर गाड़ियां चलायीं जा सकेंगी और इससे दोनों मार्गों पर टिकटों की वेटिंग लिस्ट को समाप्त किया जा सकेगा। रेलवे के परिचालन अनुपात के लगातार दबाव में रहने को लेकर सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि रेलवे के सामने आर्थिक चुनौतियां हैं जो उसे नये रास्ते खोजने के लिए प्रेरित करतीं हैं और इस साल के तमाम नये उपायों के परिणाम दिखायी देंगे।
उन्होंने कहा कि हर वित्त वर्ष की पहली छमाही में परिचालन अनुपात सौ प्रतिशत से अधिक होता है। इस साल की पहली छमाही में यह 121 प्रतिशत रहा लेकिन दूसरी छमाही में इससे सुधार आता है। उन्होंने कहा कि रेलवे ने गत वर्ष करीब 1.90 लाख रुपये कमाये और इस साल 2.16 लाख रुपए की आय का लक्ष्य है। रेल के 12 लाख कर्मचारियों का वेतन एवं 13 लाख कर्मियों की पेंशन में करीब 65 प्रतिशत चला जाता है और बाकी 35 प्रतिशत ईंधन एवं इन्वेन्टरी में खर्च होते हैं। रेलवे ने ईंधन के मद में काफी बचत की है और आधुनिक पारदर्शी खरीद प्रणाली के माध्यम से 35 प्रतिशत में बचत होने की उम्मीद है जिससे इस साल परिचालन अनुपात ठीक हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि गाड़ियों के परिचालन में भी सुधार लाया गया है। गत वर्ष समयबद्धता 68.19 प्रतिशत थी जबकि इस साल यह 75.67 प्रतिशत हो गयी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के उपग्रह से करीब 60 प्रतिशत इंजनों को जोड़ा जा चुका है और अगले साल के अंत तक सभी इंजन जुड़ जाएंगे और उससे गाड़ियों की वास्तविक स्थिति का पता लग सकेगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे ने मेक इन इंडिया को मजबूत करते हुए देश के पहले स्वदेशी सेमीहाईस्पीड ट्रेनसेट ट्रेन-18 के दो रैक पटरियों पर उतारें हैं और नयी विशिष्टताओं के साथ 44 अन्य ट्रेनसेट बनाने के लिए निविदा जारी की है। रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्टरी से लेकर इंजन बनाने वाले कारखानों के आधुनिकीकरण एवं विश्व स्तरीय उत्पादन को बढ़ावा देकर रेलवे ने रोलिंग स्टॉक के निर्यात के क्षेत्र में कदम बढ़ा दिये हैं। ट्रैक मशीन का शत प्रतिशत स्वदेशीकरण किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि मालवहन क्षेत्र में भी अनेक क्रांतिकारी फैसले लिये गये जिसके परिणाम आने वाले समय में दिखेंगे और रेलवे की आय एवं मालवहन में हिस्सेदारी दोनों बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि 90 वस्तुओं को गैर अधिसूचित किया गया है। सुरक्षा के लिए 503 स्टेशनों को सीसीटीवी से लैस कर दिया गया है और मार्च 2022 तक सभी 6100 स्टेशनों तथा 58600 कोचों को सीसीटीवी युक्त बना दिया जाएगा। 5500 स्टेशनों को वाई-फाई युक्त बनाया जा चुका है। यूटीएस के माध्यम से अनारक्षित टिकटों की बिक्री बढ़ी है।
यादव ने वर्षांत में रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन के ऐतिहासिक फैसले पर उठ रहीं आशंकाओं का जवाब देते हुए कहा कहा कि किसी भी सौ साल पुरानी पद्धति में नये सुधार को लेकर आशंकाएं होती ही हैं। रेलवे में सुधार को लागू करने के पहले कर्मचारियों से बात करेंगे। यह बातचीत ब्लूप्रिंट तैयार हो जाने पर की जायेगी। इस सुधार से रेलवे में योग्यता एवं क्षमता के आधार पर ही शीर्ष के 34 पदों पर तैनाती की जाएगी। पहले नियुक्ति की तारीख, आयु और संघ लोकसेवा आयोग की वरिष्ठता के आधार पर शीर्ष पदों पर तैनाती की जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बीते 15 से 20 साल के दौरान के प्रदर्शन एवं बेदाग निष्ठा के आधार पर नियुक्ति मिलेगी।


