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पहली बार सांसद बनीं राजश्री महिलाओं के लिए हैं प्ररेणा

बिना किसी बड़ी पारिवारिक पृष्ठभूमि के सांसद बनना आसान नहीं है और अगर कोई महिला ऐसा करना चाहती है, तो उसे सार्वजनिक जीवन में पैर जमाने के लिए और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है

पहली बार सांसद बनीं राजश्री महिलाओं के लिए हैं प्ररेणा
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नई दिल्ली। बिना किसी बड़ी पारिवारिक पृष्ठभूमि के सांसद बनना आसान नहीं है और अगर कोई महिला ऐसा करना चाहती है, तो उसे सार्वजनिक जीवन में पैर जमाने के लिए और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, ओडिशा की महिला डॉक्टर को राज्य विधानसभा से लोकसभा तक की यात्रा करने में सिर्फ पांच साल लगे।

लोकसभा में 78 महिला सदस्यों (रिकॉर्ड प्रतिनिधित्व) में से एक बीजू जनता दल (बीजद) की राजश्री मलिक के लिए एक पैथोलॉजिस्ट से जनप्रतिनिधि के रूप में कार्य करना ज्याद परेशान करने वाला नहीं रहा।

वह अब अन्य महिलाओं को अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने के लिए प्रेरित करती हैं।

उन्होंने आईएएनएस से खास मुलाकात में कहा, "मैं अपनी सभी बेटियों, माताओं, बहनों को बताना चाहती हूं कि वे एक सकारात्मक सोच के साथ काम करें। परिश्रम सफलता की कुंजी है और एक दिन इसका फल जरूर प्राप्त होता है।"

55 वर्षीय राजश्री दो बच्चों की मां हैं और एक सरकारी अस्पताल में काम कर रही थीं, जब बीजद ने उन्हें 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट की पेशकश की।

उन्होंने कहा, "मेरे पास केवल एक डॉक्टर के रूप में मेरी 23 साल की सेवा थी। मैंने सोचा कि अपनी सेवा के क्षेत्र को व्यापक बनाने के लिए राजनीति एक अच्छा मंच रहेगी।"

उनके परिवार ने उनके फैसले का पूरा समर्थन किया और वह तिरतोल का प्रतिनिधित्व करने वाली ओडिशा विधानसभा की सदस्य बन गईं।

बीजद ने उन्हें इस साल लोकसभा चुनाव में जगतसिंहपुर आरक्षित सीट से मैदान में उतारा और उन्होंने 2.5 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की।

वह अपनी कामयाबी का श्रेय अपने परिवार को देती हैं। परिवार को बहुत महत्व देने वालीं राजश्री कहती हैं कि बेहद व्यस्त दिनचर्या के कारण परिवार के लिए समय निकालना आसान नहीं होता लेकिन आज भी वह कोशिश करती हैं कि कम से कम एक डिश रोजाना वह खुद परिवार के लिए तैयार करें।

उन्होंने कहा, "मैं जन प्रतिनिधि हूं और यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपने इलाके के लोगों की समस्याओं और मुद्दों को सुनूं। उन्होंने मुझे अपने मुद्दे संसद में उठाने के लिए चुना है।"


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