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35 सालों के आतंकवाद के दौर में पहली बार मासूमों की हत्या के विरोध में पूरा जम्मू-कश्मीर बंद

कश्मीर में फैले पाक परस्त आतंकवाद के 35 साल के इतिहास में यह पहला मौका कहा जा सकता है जब पूरे प्रदेश में मासूमों की हत्याओं के खिलाफ रोष और गुस्सा दर्शाते हुए बंद

35 सालों के आतंकवाद के दौर में पहली बार मासूमों की हत्या के विरोध में पूरा जम्मू-कश्मीर बंद
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सुरेश एस डुग्गर

जम्मू, 23 अप्रैल। कश्मीर में फैले पाक परस्त आतंकवाद के 35 साल के इतिहास में यह पहला मौका कहा जा सकता है जब पूरे प्रदेश में मासूमों की हत्याओं के खिलाफ रोष और गुस्सा दर्शाते हुए बंद और हड़ताल का आयोजन ही नहीं किया गया बल्कि प्रदेश के लगभग सभी खासकर कश्मीर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों ने अपने पहले पेज को काली सही से पोत कर गुस्से का इजहार किया हो।

यह पूरी तरह से सच है कि कश्मीर बदल चुका है और अब मासूमों की हत्याओं के खिलाफ भावनाएं उबाल पर हैं। यह इससे से भी स्पष्ट होता थाा कि जम्मू कश्मीर से प्रकाशित होने वाले लगभग सभी समाचार पत्रों ने आज पहली बार अपने पहले पन्ने को काली स्याही से प्रकाशित कर गम और गुस्से का इजहार किया है।

गम और गुस्से का इजहार पूरा प्रदेश बंद का आयोजन करके भी कर रहा है। कश्मीर के उड़ी से लेकर लखनपुर तक सभी कस्बे और शहर आज पूरी तरह से बंद रहे हैं। जगह जगह विरोध प्रदशनों की झड़ी भी नजर आई है। लोगों ने कई स्थानों पर पाकिस्तानी झंडे फूंक कर अपने गुस्से का इजहार भी किया है।

जम्मू कश्मीर में एकजुटता के साथ प्रदर्शन हुए और लोगों ने हत्याओं की निंदा की है। श्रीनगर, सोपोर, टंगमर्ग, बारामुल्ला, हंदवाड़ा, बांडीपोरा, कुपवाड़ा और घाटी के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। जम्मू क्षेत्र में भी कई विरोध प्रदर्शन हुए।

टंगमर्ग में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं है - यह कश्मीरियत की हत्या है। वे कहते थे कि हमारे मेहमानों की हत्या अक्षम्य है। हम चाहते हैं कि हत्यारों को न्याय के कटघरे में लाया जाए और हमारे देश की शांति बहाल हो। याद रहे पहलगाम के बैसरन इलाके में मंगलवार दोपहर को आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों के एक समूह पर की गई गोलीबारी में एक स्थानीय घुड़सवार सहित 28 पर्यटक मारे गए।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की, जिसमें 28 लोगों की जान चली गई, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। श्रीनगर के घंटाघर में विरोध प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करते हुए महबूबा ने गहरा दुख व्यक्त किया और कश्मीर के लोगों की ओर से देश के लोगों से माफी मांगी।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ जम्मू में भी कई स्थानों पर लोग सड़कों पर उतर आए हैं। नाराज लोगों ने जम्मू-पठानकोट हाईवे पर जाम लगा दिया। प्रदर्शन में महिलाएं और पूर्व फौजी भी शामिल थे। आतंकी घटना से नाराज लोग पाकिस्तान के खिलाफ केंद्र सरकार से सख्त एक्शन की मांग कर रहे हैं।


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