मप्र में जरूरतमंदों को दिया जा रहा दोनों वक्त का भोजन
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा रोज कमाने खाने वालों की जिंदगी पर पड़ा है

भोपाल। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा रोज कमाने खाने वालों की जिंदगी पर पड़ा है। मध्य प्रदेश में भी इन वर्गो को दोनों वक्त की रोटी का इंतजाम मुश्किल हो गया है, इन स्थितियों से निपटने के लिए सामाजिक संगठनों से लेकर राजनीतिक दलों के लोग भोजन के पैकेट बांट रहे हैं, वहीं सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है। राजधानी से लेकर छोटे शहर और ग्रामीण इलाकों तक में लोग जरूरतमंदों की मदद में लगे हैं। राजधानी में विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा खाने के पैकेट का वितरण किया जा रहा है। कांग्रेस के प्रदेष कार्यालय में कई दिनों से रसोई चल रही है, जिसमें खाना तैयार हो रहा है और यहां से पैकेट जरूरतमंदों तक भेजे जा रहे हैं।
भाजपा ने प्रदेश स्तर पर खाना वितरण का अभियान चलाया हुआ है। प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का कहना है कि ग्रामीण स्तर तक लोगों को भोजन वितरित किया जा रहा है। कई स्थानों पर तो सामुदायिक रसोई भी शुरू की जा चुकी है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को भोजन उपलब्ध हो रहा है।
राजभवन में भी गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के मकसद से भोजन का निर्माण कराया जा रहा है, यहां तैयार होने वाले भेाजन के पैकेट शहर के विभिन्न हिस्सों में वितरित किए जाते हैं। राज्यपाल लालजी टंडन स्वयं इस भोजन की गुणवत्ता के साथ स्वच्छता का जायजा लेते रहते हैं।
ग्रामीण इलाकों में सामाजिक संगठनों ने सामुदायिक रसोई शुरू कर दी है। जहां बड़ी संख्या में भोजन का निर्माण हो रहा है और जरूरतमंदों को वितरित किया जा रहा है। मुसीबत के समय समाज का बड़ा वर्ग मदद के लिए आगे आया है।
कई सामाजिक संगठनों द्वारा इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, रीवा, सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में भोजन ओर जरूरी सामग्री का वितरण किया जा रहा है। कई बीमारों को तो दवा तक मुहैया कराने के काम में लोग लगे हुए हैं। इतना ही नहीं, जो परिवार काम की तलाश में परदेस गए थे। उन्हें रास्ते में भोजन-पानी मुहैया कराया जा रहा है।


