प्लेटफार्म पर भी खाना हुआ सस्ता
रेलयात्रियों को अब खानपान के लिए अपनी जेब थोड़ी कम ढीली करनी पड़ेगी क्योंकि भारतीय रेलवे ने जीएसटी पर लगने वाली दरों को कुछ कम कर दिया है

नई दिल्ली। रेलयात्रियों को अब खानपान के लिए अपनी जेब थोड़ी कम ढीली करनी पड़ेगी क्योंकि भारतीय रेलवे ने जीएसटी पर लगने वाली दरों को कुछ कम कर दिया है। चूंकि रेलवे की ओर से मिलने वाले खाने की कीमतों में कमी होगी तो इससे रेलयात्रियों का सफर भी सस्ता हो जाएगा।
यह सुविधा उनके लिए ज्यादा लाभदायक होगी जिन यात्रियों के टिकट के साथ ही खाने के पैसे भी वसूले जाते हैं। नई दरें प्लेटफार्म पर भी मिलने वाली खानेपीने की वस्तुओं पर भी लागू होंगी।
हाल ही में जारी आदेश के मुताबिक ट्रेन और प्लेटफॉर्म पर मिलने वाले खाद्य और पेय पदार्थों पर जीएसटी की समान दर लागू की जाए। इसके बाद सभी मेल और एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में खाने-पीने की वस्तुओं पर पांच फीसदी जीएसटी लागू कर दिया गया है जबकि अभी तक यह 18 फीसदी की दर से वसूला जा रहा था। राजधानी, शताब्दी और दुरंतो में यह व्यवस्था 16 अप्रैल से लागू हो गई है। इससे उम्मीद है कि रेलयात्रियों को 40 से 60 रुपए तक का असर पड़ेगा। मसलन बिरयानी की कीमतें 58 से 51, चिकन बिरयानी 100 रूपए से 89 रुपए होगी। जबकि मसल डोसा 21 रुपए से 18 रुपए का मिलेगा।
इसी प्रकार से लेमन राइस, कर्ड राइस, वेज नूडल्स आदि पर भी चार से छह रुपए प्रति की दर से कमी हो गई है। ये दरें सोमवार से लागू हो चुकी हैं। हालंाकि नई दरों से सबसे ज्यादा लाभ राजधानी, शताब्दी, दुरंतो आदि में सफर करने वाले यात्रियों को मिलेगा क्योंकि सफर करने से पहले ही उनकी टिकट में खाने की राशि वसूल ली जाती है। अब तक इन ट्रेनों में उपलब्ध खान-पान की चीजों पर 18 फीसदी जीएसटी लग रहा था, जो अब घटकर पांच फीसदी हो गया है।
यात्रियों को टिकट के साथ खानपान की वस्तुओं पर सीधे 13 प्रतिशत की बचत होगी। अब राजधानी, शताब्दी और दुरंतो में प्रथम श्रेणी व एक्जीक्यूटिव चेयर कार में नाश्ता 90 रुपये में मिल जाएगा जबकि द्वितीय श्रेणी एसी और तृतीय श्रेणी एसी समेत चेयर कार में यह 70 रुपये में व दुरंतों स्लीपर में 40 रुपए में मिलेगा। गौरतलब है कि भारतीय रेल में सफर करने वाले यात्रियों को अकसर ट्रेन में दिए जाने वाले भोजन को लेकर शिकायत रहती है। समय-समय पर खाने की गुणवत्ता और साफ-सफाई के बारे में भी सवाल उठे हैं। इन्हीं शिक़ायतों से निपटने के लिए भारतीय रेल ने एक फोन सेवा शुरू की है।
भोजन-संबंधी शिकायत दर्ज करने के लिए यात्री को 1800111321 पर डायल करना होगा जो कि एक टोलफ्री नंबर है। यानी इस नंबर पर फोन करने का कोई पैसा नहीं देना होगा। ये मुफ्त फोन सेवा पूरे सप्ताह सुबह सात बजे से रात के दस बजे तक उपलब्ध रहेगी। कोई भी मुफ्त नंबर पर फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है और उसकी सुनवाई होगी। ये शिकायत ज्यादा दाम से लेकर कम या खराब भोजन के बारे में हो सकती है और इस पर जल्द-से-जल्द कार्रवाई होगी।
ये नंबर 18 जनवरी से लागू हुआ है। साल 2009-2010 में रेलवे को खानपान में 75 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा जबकि साल 2010-2011 में 54 करोड़ रुपये का घाटा रेलवे को उठाना पड़ा। रेलवे हर रोज पांच लाख 22 हजार लोगों को खाना परोसती है जबकि रेलवे के खानपान का कारोबार प्रतिवर्ष 22 हजार करोड़ का है। रेलवे में खान पान की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार ने देश भर में 250 आधुनिक रसोई घर बनाने का फैसला लिया है।


