समाज के उत्थान पर ध्यान केंद्रित करें विद्यार्थी : कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि शिक्षा केवल पाठ्य पुस्तकें पढ़ने का नाम नहीं है और विद्यार्थियों को समाज के उत्थान और वंचितों के कल्याण योगदान देने के तरीके ढूंढ़ने चाहिए

बेंगलुरु। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि शिक्षा केवल पाठ्य पुस्तकें पढ़ने का नाम नहीं है और विद्यार्थियों को समाज के उत्थान और वंचितों के कल्याण योगदान देने के तरीके ढूंढ़ने चाहिए।
बिदादी स्थित बीवीवी सांघा न्यू इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट एंड पॉलिटेक्निक परिसर के उद्घाटन के अवसर पर श्री कोविंद ने आज कहा कि युवा पीढ़ी को शैक्षणिक मूल्यों की वृहत और प्रबुद्ध समझ के मार्ग पर अग्रसर होना चाहिए जिससे भविष्य के समाज को आकार मिल सके।
श्री कोविंद ने कहा, “शिक्षा केवल पाठ्य पुस्तकें पढ़ने और विज्ञान, साहित्य, डाक्टरी, इंजीनियरिंग और प्रबंधन को सीखने का नाम नहीं है आैर न ही यह केवल नौकरी के लिए जरूरी डिग्री हासिल करना है। शिक्षा और डिग्री का वास्तविक अर्थ इस बात निहित है कि वह विद्यार्थियों के समाज में योगदान और वंचितों के कल्याण में किस प्रकार सहायक सिद्ध होती है।”
उन्हाेंने कहा कि इसी तरह शिक्षक को भी यह समझना हैं कि शिक्षा प्रदान करना प्राचीन समय से पवित्र कार्य रहा है, क्योंकि वह अपने ज्ञान को उपहार स्वरूप प्रदान करते हैं। व्यावसायिक और व्यक्तिगत हितों के परे युवा मस्तिष्कों को यह प्रेरणा राष्ट्र और समाज के निर्माण में मदद करेगी। यह श्री बसवेश्वर और श्री गुरुबसवा स्वामीजी दोनों के सिद्धांतों के अनुरूप होगा। बगलकोट स्थित बसवेश्वर वीराशिवा विद्यावर्धक संघ 150 संस्थान का संचालन करता है। संस्थान ने 30 दिसंबर को आज अपना 111वां स्थापना दिवस मनाया।


