महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक में बाढ़ से बुरा हाल, 61 की मौत
महाराष्ट्र समेत दक्षिण भारत के तीन राज्यों में भारी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। इन राज्यों में बारिश और बाढ़ की वजह से अब तक 61 मौते हो चुकी हैं। जबकि सैंकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं

मुंबई/कोझिकोड/बेंगलुरु (देशबन्धु/एजेंसियां)। महाराष्ट्र समेत दक्षिण भारत के तीन राज्यों में भारी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। इन राज्यों में बारिश और बाढ़ की वजह से अब तक 61 मौते हो चुकी हैं। जबकि सैंकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं। केरल के निलाम्बुर के पास बोतनम में शुक्रवार सुबह भारी भूस्खलन के कारण मलबे के नीचे दबने से करीब सौ लोगों के मारे जाने की आशंका है।
भूस्खलन में 40 घर जमीदोज हो गए। फिलहाल बाढ़ में मरने वालों की सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र में है। यहां अब 27 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं केरल में 23 और कर्नाटक में 9 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इन राज्यों में विस्थापितों की संख्या भी हजारों में है। उधर प्रधानमंत्री मोदी ने बाढ़ पीड़ित राज्यों को मदद का आश्वासन दिया है।
सेना, वायुसेना व एनडीआरएफ की टीमों ने राज्यों में मोर्चा संभाल रखा है। महाराष्ट्र को भारी बारिश से अभी भी राहत नहीं है। मुंबई और आस-पास के इलाकों में आज भी जोरदार बारिश हुई। महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों सांगली, कोल्हापुर, सोलापुर, पुणे और सतारा में फंसे अब तक 2,05,591 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
सांगली में तत्काल मदद के लिए बीती रात ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बचाव दल को रवाना किया गया है। यहां नाव पलटने से अब तक 9 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं जबकि कई लापता हैं। कोल्हापुर में 97,102 लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है जबकि सांगली में 80,319, पुणे में 13,336, सोलापुर से 7,749 और सतारा से 7,085 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। केरल में मूसलाधार बारिश, तेज हवाओं और भूस्खलन के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है।
केरल में बारिश के चलते अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी हैं। कोझिकोड में दो लोगों के शव शुक्रवार सुबह बरामद किए गए। शुक्रवार को वायनाड में भूस्खलन के चलते कई लोग के दबे होने की खबर है। अब तक केवल दो शव बरामद किए गए हैं। कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश हो रही है। बारिश और बाढ़ प्रभावित राज्य में अब तक 9 मौतें हो चुकी हैं जबकि 16,875 लोगों और 3,010 जानवरों को 272 राहत कैंपों में रखा गया है।


