पटवारी की कार्यशैली से लटका मामलों का निराकरण
कोरबा अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले राजस्व निगम मंडल भैसमा के हल्का-19 के पटवारी विद्या विवेक महंत की कार्यशैली से ग्रामीणों में खासा आक्रोश है

कोरबा-भैसमा। कोरबा अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले राजस्व निगम मंडल भैसमा के हल्का-19 के पटवारी विद्या विवेक महंत की कार्यशैली से ग्रामीणों में खासा आक्रोश है। विभागीय कामकाज के प्रति उदासीन रवैया से दर्जनों मामलों का निराकरण लटका पड़ा है। पटवारी को हटाने की मांग ग्रामीणों ने लोक सुराज शिविर में डेढ़ दर्जन से अधिक आवेदन देकर की है।
रानिमं भैसमा के हल्का-19 में पटवारी विद्या विवेक महंत करीब 2 वर्ष से पदस्थ है। तत्कालीन कलेक्टर पी. दयानंद द्वारा जिले भर के पटवारियों की पदस्थापना स्थल में किए गए फेरबदल में विद्या विवेक भी प्रभावित हुआ और भैसमा पदस्थ किया गया। उसके हल्का अंतर्गत ग्राम भैसमा, मसान, कुकरीचोली शामिल हैं। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि पटवारी द्वारा खाता दुरूस्तीकरण, नए खाते बनाने, नामांतरण, बंटवारा, फौती नामांतरण, सीमांकन के आवेदनों का निराकरण नहीं किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त कार्यालयीन कामकाज में भी उदासीन रवैया बना है व तकनीकी तौर पर भी कामकाज का तरीका उचित नहीं बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक स्थानीय ग्रामीणों ने लोक सुराज शिविर में पटवारी के विरूद्ध लगभग 18 शिकायतें दर्ज कराई हैं। इससे पहले भी लिखित व मौखिक तौर पर शिकायतें होती रही हैं।
क्षेत्र में इन दिनों राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाओं पर काम हो रहा है और बताया जा रहा है कि इस पटवारी के पास इससे जुड़े मामले हैं किन्तु इनकी पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। सूत्रों के मुताबिक शिकायतों व शिथिल कार्यशैली के मद्देनजर राजस्व निरीक्षक ने पटवारी को बदलने का प्रतिवेदन दिया है जिसे भैसमा की नायब तहसीलदार श्रीमती करूणा आहेर द्वारा अनुशंसित कर प्रतिवेदन कोरबा एसडीएम के समक्ष प्रेषित किया गया है। देखना है कि पटवारी को कब तक हटाकर जन समस्याओं का निराकरण के लिए दूसरे पटवारी को पदस्थ किया जा सकेगा?
बदलने पर हो रहा है विचार
तहसीलदार टीआर भारद्वाज ने बताया कि पटवारी विद्या विवेक महंत के विरूद्ध आज ही कई शिकायतों की जानकारी मिली है। उनके द्वारा तकनीकी तौर पर कामकाज में अपेक्षाकृत तत्परता नहीं दिखाने की वजह से लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। छोटी-छोटी चीजों की भी जानकारी रखने और देने में वे रुचि नहीं दिखा रहे। कार्यशैली की वजह से आवेदनों का समय पर निराकरण नहीं हो पा रहा है। उक्त पटवारी को बदल कर दूसरा पटवारी हल्का-19 में पदस्थ करने पर विचार किया जा रहा है।


