Top
Begin typing your search above and press return to search.

व्यापमं मामले में पांच को सात साल की सजा

मध्य प्रदेश की एक विशेष सीबीआई अदालत ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित मध्य प्रदेश प्री मेडिकल टेस्ट (एमपीपीएमटी) 2009 परीक्षा से संबंधित एक मामले में पांच आरोपियों को सात साल की जेल की सजा सुनाई है

व्यापमं मामले में पांच को सात साल की सजा
X

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की एक विशेष सीबीआई अदालत ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित मध्य प्रदेश प्री मेडिकल टेस्ट (एमपीपीएमटी) 2009 परीक्षा से संबंधित एक मामले में पांच आरोपियों को सात साल की जेल की सजा सुनाई है।

अदालत ने सत्यपाल कुस्तवार (उम्मीदवार), शैलेंद्र कुमार (प्रतिरूपणकर्ता), रवींद्र दुलावत (उम्मीदवार), आशीष उत्तम (प्रतिरूपणकर्ता) और संजय दुलावत (बिचौलिया) को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

सीबीआई ने 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में मामला दर्ज किया था और इंदौर के संयोगितागंज थाने से जांच अपने हाथ में ली थी।

स्थानीय पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी कुस्तवार और दुलावत ने 2009 में व्यापमं द्वारा आयोजित एमपीपीएमटी 2009 परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर परीक्षा उत्तीर्ण की थी।

दोनों उम्मीदवारों को उनके परीक्षा केंद्र के रूप में इंदौर में महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज आवंटित किया गया था, और बाद में, वे वहां प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हुए।

हालांकि, प्रवेश प्रक्रिया के दौरान, दोनों उम्मीदवारों को कॉलेज की स्क्रूटनी कमेटी ने पकड़ लिया, क्योंकि उनकी तस्वीरें परिणाम पत्रक पर चिपकाई गई तस्वीरों से मेल नहीं खाती थीं।

इसके बाद स्क्रूटनी कमेटी ने दोनों उम्मीदवारों को प्रवेश देने से इनकार कर दिया और बाद में डीन की शिकायत के आधार पर संयोगितागंज थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

जांच के दौरान, बिचौलिए और दो प्रतिरूपण करने वालों सहित तीन अन्य को आरोपी बनाया गया था। इससे पहले राज्य पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी।

सीबीआई ने गहन जांच के बाद अदालत के समक्ष दुलावत और कस्तवार के चयन से संबंधित दो अलग-अलग पूरक आरोप पत्र दायर किए।

ट्रायल कोर्ट ने दोनों चार्जशीट को मर्ज कर दिया और ट्रायल जारी रखा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it