एनएच घोटाले में शामिल पांच आरोपी बरी
लगभग 24 लोग घोटाले के आरोप में जेल में बंद हैं

नैनीताल। उत्तराखंड के बहुचर्चित राष्ट्रीय राजमार्ग घोटाले में पांच आरोपियों को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गयी है। ये सभी आरोपी उधमसिंहनगर जिले में राजस्व विभाग में निचले स्तर के पदों पर तैनात हैं। साथ ही सभी आरोपी पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद हैं।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की अदालत में आज 11 आरोपियों की जमानत पर सुनवाई हुई। इनमें मुख्य आरोपी डीपी सिंह समेत अन्य कई अधिकारी शामिल हैं। अदालत ने 11 आरोपियों में से पांच को जमानत दे दी है।
जिन आरोपियों को जमानत मिली है उनमें संग्रह अमीन अनिल कुमार, चौकीदार रामसमुझ, राजस्व अहलमद संतराम, पेशकार संजय चौहान, सहायक चकबंदी अधिकारी अमर सिंह शामिल हैं।
अधिवक्ता राजेन्द्र डोभाल ने बताया कि ये सभी आरोपी पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद हैं। मुख्य आरोपियों को अदालत ने अभी जमानत नहीं दी है। इन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 107, 218, 219, 409, 420,466, 467, 471, 474, 120बी, 34 में मुकदमा दर्ज किया गया है।
अधिकांश पर आरोप है कि कूटरचित दस्तावेजों के बल पर पिछली तारीख में जो भूमि कृषि योग्य नहीं है उस भूमि को कृषि दिखाकर आठ से दस गुना मुआवजा दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि लगभग 300 करोड़ रुपये के इस घोटाले में तीन राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा अधिकारियों के साथ ही तहसीलदार, नायब तहसीलदार व कानूनगो समेत किसानों एवं बिचैलियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
उधमसिंहनगर जिले में तैनात रहे दो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी पंकज पांडे एवं चंद्रेश यादव भी विशेष जांच टीम (एसआईटी) के रडार पर हैं। पंकज पांडे को उच्च न्यायालय से 30 अक्टूबर तक राहत मिली है।
सरकार की ओर से पेश अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से 30 अक्टूबर तक गिरफ्तार न करने की सहमति दी गयी है।


