फिच ने 2019-20 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर घटाकर 6.8 फीसदी किया
मेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने शुक्रवार को आगामी वित्त वर्ष के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर का अपना अनुमान सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया

मुंबई । अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने शुक्रवार को आगामी वित्त वर्ष के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर का अपना अनुमान सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया। रेटिंग एजेंसी ने भारत की आर्थिक संवृद्धि दर में यह कटौती अपेक्षा से कमजोर आर्थिक विकास की रफ्तार रहने को लेकर की है।
फिच ने कहा कि उसने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा के आउटलुक में भी बदलाव किया है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार महंगाई दर लक्ष्य से नीचे रहने और वैश्विक मौद्रिक दशाएं आसान रहने से आरबीआई ब्याज दर में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है।
फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "अपेक्षा से कमजोर आर्थिक विकास की रफ्तार के कारण हमने हालांकि अगले वित्त वर्ष के लिए अपने संवृद्धि दर अनुमान में कटौती की है, लेकिन हम अब भी भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.8 फीसदी, उसके बाद वित्त वर्ष 2021 में 7.1 फीसदी को समुचित रूप से ठीक पाते हैं।"
रेटिंग एजेंसी के अनुसार, मुख्य रूप से घरेलू कारणों से आर्थिक विकास की रफ्तार सुस्त है। फिच ने कहा कि ऑटोमोबाइल और दोपहिया वाहन जैसे क्षेत्र जो नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) के कर्ज पर निर्भर करता है उसमें साख की उपलब्धता सख्त हो गई है जिससे बिक्री में कमी आई है।
बैंकिंग क्षेत्र के बारे में फिच ने कहा कि हाल के महीनों में निजी क्षेत्र के साख में वृद्धि हुई है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में किसानों को नकदी हस्तांतरण में वृद्धि की योजना है।
फिच ने कहा, "तेल की कीमत का आउटलुक अनुकूल है और हमें उम्मीद है कि आने वाले महीनों में खाद्य पदार्थो की कीमत बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आय व उपभोग में वृद्धि होनी चाहिए।"


