बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई के चलते असमंजस में मछली विक्रेता
बूचड़खानों के खिलाफ लिए जा रही कार्रवाई के चलते मछली विक्रेता भी असमंजस में हैं। .....

गाजियाबाद। बूचड़खानों के खिलाफ लिए जा रही कार्रवाई के चलते मछली विक्रेता भी असमंजस में हैं। इस कारण जब बूचड़खानों और गैरकानूनी तौर पर मांस का व्यापार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जब पुलिस की टीम पहुंचती है तो फिश ट्रेडर्स भी गायब हो जाते हैं। यही वजह है कि क्षेत्र में मछलियों के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह फिश लवर्स के लिए खासी चिंता का विषय है। गाजियाबाद जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, जो नियम मांस और मछली विक्रेता दुकानों पर लागू होते हैं, खुले में दुकान लगाकर मांस या मछली का व्यापार करने वालों पर भी वही नियम लागू होते हैं। बिहारी मार्केट वैशाली, महिपालपुर और हापुड़ फ्लाई ओवर एरिया कुछ ऐसी जगहे हैं जहां बड़ी संख्या में मछलियां स्टॉल्स पर खुले में बेची जाती हैं।
मीट की दुकानों के साथ लगी इन स्टॉल्स को भी प्रशासन की तरफ से हटाने का काम किया जा रहा है। गाजियाबाद की जिला निधि केसरवानी के अनुसार, फिश वेंडर्स के लिए अलग से कोई लाइसेंस नहीं होता है। लाइसेंस लेने के लिए जो प्रसीजर मीट व्यापारी की फॉलो करना होता है, वही प्रसीजर फिश शॉप ऑनर को भी पूरा करना होता है।
वहीं मछली की घटती उपलब्धता के कारण स्थानीय निवासी इसकी खरीदारी के लिए दिल्ली के गाजीपुर मार्केट का रुख कर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिस दिन से मीट शॉप के खिलाफ कार्रवाई लिया जा रहा है, स्टॉल्स पर मछली बेचने वाले भी गायब हो गए हैं। इसके चलते हमारी प्लेट से मछली गायब हो गई है। अब हमारे लिए गाजीपुर मार्केट ही एकमात्र विकल्प है।


