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संशोधित जीडीपी के आधार पर राजकोषीय घाटा 3.2 फीसदी : गर्ग

राजकोषीय घाटे की चिंता की बात को खारिज करते हुए आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शनिवार को कहा कि अगर संशोधित जीडीपी के आंकड़ों पर विचार किया जाए तो यह लक्ष्य से बेहतर रहा है

संशोधित जीडीपी के आधार पर राजकोषीय घाटा 3.2 फीसदी : गर्ग
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नई दिल्ली। राजकोषीय घाटे की चिंता की बात को खारिज करते हुए आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शनिवार को कहा कि अगर संशोधित जीडीपी के आंकड़ों पर विचार किया जाए तो यह लक्ष्य से बेहतर रहा है। गर्ग ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अगर किसानों के लिए आय सीधी आय स्कीम के तहत 20,000 करोड़ रुपये के आवंटन के प्रावधान को छोड़ दें तो सरकार बजट अनुमान में 3.3 फीसदी राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से भी बेहतर कर सकती है।

उन्होंने टाइम्स नॉउ समाचार चैनल से बातचीत में कहा, "जीडीपी के संशोधित आंकड़े अब आ गए हैं और उसके अनुसार, राजकोषीय घाटा सिर्फ 3.2 फीसदी होगी।"

सरकार ने गुरुवार को संशोधित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर जारी की जिसके अनुसार, 110 आधार अंक के मुताबिक पर वर्ष 2016-17 के लिए जीडीपी विकास दर 7.1 फीसदी से 8.2 फीसदी और वर्ष 2017-18 के लिए 50 आधार अंक पर 6.7 फीसदी से 7.2 फीसदी हो गई है।

संशोधन के बाद वास्तविक जीडीपी (2011-12 की कीमतों के आधार पर) वर्ष 2017-18 में 131.80 लाख करोड़ और वर्ष 2016-17 में 122.98 लाख करोड़ रुपये होने का आकलन किया गया है।

गर्ग ने कहा कि सरकार खुद 2021 तक राजकोषीय घाटे को तीन फीसदी तक लाने को प्रतिबद्ध है।


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