अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र बनाया जायेगा: सिद्धू
पंजाब में जल्द ही अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र बनाया जायेगा। यह घोषणा आज यहां स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने की।

चंडीगढ़। पंजाब में जल्द ही अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र बनाया जायेगा। यह घोषणा आज यहां स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने की।
उन्होंने कहा कि दमकल सेवा विभाग के कायाकल्प के लिए 500 करोड़ रुपये की एक योजना महानिदेशक, अग्नि, नागरी रक्षा को भेजा गया है और राज्य को इस संदर्भ में हर संभव सहायता का आश्वासन मिला है।
सिद्धू के यहां जारी बयान के अनुसार 262़ 50 करोड़ की एक अलग परियोजना केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि दमकल सेवा क्षेत्र की अब तक उपेक्षा की जाती रही है इसलिए राज्य में आग लगने की गई घटनाएं होती रही हैं और इन घटनाओं को देखते हुए ही उन्होंने विभाग को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था।
सिद्धू के अनुसार रिपोर्ट हाथ में आने के बाद वह प्रकाश मिश्रा, महानिदेशक, अग्नि, नागरी रक्षा से मिले जिन्होंने रिपोर्ट देखने के बाद तुरंत सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इसी तरह केंद्रीय शहरी मंत्रालय से भी उन्हें दूसरी परियोजना के लिए सकारात्मक प्रतिसाद मिला।
उन्होंने बताया कि फैसला किया गया है कि जिन छोटे शहरों/नगरों में फायर टेंडर पार्क करने के लिए जगह नहीं है, वहां पुलिस चौकियों में यह वाहन खड़े किये जाएंगे और फायर वालंटियर भी इस उद्देश्य के लिए नियुक्त किये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि कोई भी दमकलकर्मी अत्याधुनिक फायर सूट के बिना आग बुझाने नहीं जायेगा।
सिद्धू ने कहा कि अग्नि प्रतिरोधक कानून का सख्ती से पालन किया जायेगा ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके और दुर्घटना होने की सूरत में कड़ी कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने कहा कि शीघ्र ही उनका विभाग उन इमारतों की सूची बनायेगा जिनमें उक्त कानून का उल्लंघन किया गया है और मालिकों को नोटिस भेजे जाएंगे।
केंद्र सरकार को सौंपी परियोजना रिपोर्टों के बारे में उन्होंने बताया कि पहली रिपोर्ट के अनुसार 270 करोड़ रुपये दमकल केंद्रों के लिए, 86 करोड़ रुपये एरियल सीढ़ियों के लिए, 60 करोड़ रुपये आधुनिक बचाव वाहन के लिए, 18 करोड़ फायर सूट के लिए, 20 करोड़ त्वरित प्रतिसाद वाहनों के लए, 23 करोड़ प्रशिक्षण केंद्र के लिए और 5 करोड़ सिविल डिफेंस के लिए खर्च किये जाएंगे।
इसी तरह दूसरी रिपोर्ट में 144 करोड़ फायर टेंडरों के लिए, 78 करोड़ एरियल सीढ़ी (टीटीएल) के लिए, 20 करोड़ रेस्क्यू टेंडर के लिए, 17. 60 करोड़ किट्स के लिए और तीन करोड़ जीवन रक्षा उपकरणों के लिए खर्च किये जाने की योजना है।


