खदान में आग, करोड़ों का कोयला खाक
एसईसीएल के संरक्षण में चल रहे जामपाली कोयला खदान में भीषण आग लगने के कारण करोड़ों रूपये का कोयला जल कर खाक हो चुका है.......
भूषण कंपनी को 30 करोड़ की क्षति
रायगढ़। एसईसीएल के संरक्षण में चल रहे जामपाली कोयला खदान में भीषण आग लगने के कारण करोड़ों रूपये का कोयला जल कर खाक हो चुका है और आग अब भी लगातार जारी है। इस मामले में कंपनी प्रबंधन की घोर लापरवाही उजागर हो रही है। इस विभागीय लापरवाही के चलते अकेले उड़ीसा में संचालित भूषण कंपनी का ही करोड़ों रूपया इसमें फंस गया है। भूषण कंपनी ने गत मई माह में ईआक्सन में 1 लाख टन कोयला का डीओ कटवाया था। मगर जब कंपनी के अधिकारी कोयला लेने खदान में पहुंचे तो कोयले की जगह वहां केवल जला हुआ कोयला और राख ही राख नजर आया। इस तरह कोयले की आपूर्ति कंपनी के लिए सही समय पर प्रभावित हो जाने के कारण कंपनी का जहां अरबो रूपये का कारोबार अधर में लटक गया है वहीं कंपनी के आला अधिकारियों ने अब उपभोक्ता फोरम की शरण ली है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक जिले के घरघोड़ा क्षेत्र में संचालित जामपाली खदान एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र के संरक्षण में संचालित है। मगर इस खदान में कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के कारण आग से करोड़ो रूपये के कोयले का कारोबार प्रभावित हो रहा है। ऐसा ही एक मामला तब उजागर हुआ जब इस बात की जानकारी मिली कि खदान से जला हुआ कोयला मिलने पर उड़ीसा स्थित भूषण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने उपभोक्ताफोरम की शरण ली है। मिली जानकारी के मुताबिक कंपनी के अधिकारियों ने जामपाली खदान से गे्रड जी 12 का कोयला गत 4 मई 17 को ईआक्सन में खरीदा था और ई आक्सन के आधार पर 1 लाख टन कोयले का डीओ बनवाकर कंपनी के अधिकारी जब उक्त कोयला लेने के लिए खदान में पहुंचे तो यह देखकर आवाक रह गए कि खदान के भीतर उपर तो कोयले का काला ढेर लगा है मगर भीतर पूरा कोयला राख हो चुका है। इसके बावजूद कंपनी ने उद्योग में काम आने लायक कुछ मात्रा में कोयला उठाया और अपनी कंपनी में परिवहन भी करवाया। मगर खदान का संबंधित गे्रड का अधिकांश कोयला जल जाने के कारण कंपनी ने उक्त कोयले का उठाव करने से इंकार कर दिया और एसईसीएल को इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी देते हुए खदान में अब भी कोयले में आग लगे होनें की पुष्टि की। भूषण कंपनी के अधिकारियों के द्वारा गत 19 मई को तथा 2 जून को अलग-अलग पत्र लिखकर वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए कंपनी को संबंधित ग्रेड का कोयला उपलब्ध कराने की मांग रखी गई।
मगर रायगढ़ क्षेत्र के जीएम स्तर के अधिकारी सहित किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने इस समस्या के समाधान की ओर कोई ध्यान नही दिया। इस घोर लापरवाही के कारण अब एक तरफ जहां उड़ीसा स्थित वृहद भूषण पावर एण्ड स्टील लि. संबलपुर का करेाड़ो रूपया फंस चुका है वहीं सही समय पर कोयले की आपूर्ति नही होनें के कारण कंपनी का अरबो रूपये का कारोबार भी प्रभावित हुआ है। एक अनुमान के अनुसार इस लापरवाही से कंपनी का लगभग 30 करोड़ का माल फंसा हुआ है तो दूसरी ओर कंपनी के कई किलन कोयले के अभाव में बंद होनें की कगार पर है। कंपनी के अधिकारियों की मानें तो यदि इस पूरे मामले की उच्चाधिकारियों से जांच कराई जाये तो न केवल एसईसीएल कंपनी की घोर लापरवाही उजागर हो सकती है बल्कि एक बडा मामला भी सामने आ सकता है। बताया जाता है कि कोयले की आपूर्ति के लिए भूषण कंपनी के वाईस प्रेसीडेंट भी पिछले दिनों रायगढ़ पहुंचे थे और उनके द्वारा भी एसईसीएल के अधिकारियों से इस मामले में पहल करने की गुजारिश की गई थी। मगर उनकी मांग पर भी कोई ध्यान नही दिया गया, जिसके बाद कंपनी के आलाअधिकारियों ने चर्चा उपरांत एसईसीएल के जीएम बिलासपुर तथा कोल इंडिया कलकत्ता को संलग्न छायाचित्र के साथ पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है वहीं उपभोक्ताफोरम में भी आवेदन लगाया है।
खरीददारों से चिटिंग कर रही एसईसीएल-विवेक
हमारे संवाददाता ने इस संबंध में जब भूषण कंपनी के वाईस प्रेसिडेंट (रॉ मटेरियल) विवेक पोनिकर से चर्चा की तो उनका कहना था कि यहां खरीददार से चिटिंग की जा रही है। दिखावे के लिए कुछ और कोयला दिखाया जाता है और जब कोल परिवहन की बारी आती है तो कोई और ही कोयला दिया जाता है। जिसके कारण कंपनी अपने आपको ठगा हुआ सा महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोयले की क्वालिटी निम्नस्तर का होनें के कारण कंपनी इस राखड मिश्रित जले हुए कोयले का डीओ के आधार पर माल लेने में असमर्थ है और यदि समय रहते इस दिशा में कोई पहल नही हुई तो वे इस डीओ को लेफ्स करवाने के लिए मजबूर हो जाएंगे।


