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फीडबैक यूनिट की आड़ में सिसोदिया पर दर्ज एफआईआर कल्पना पर आधारित : आप

आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा के मुताबिक दिल्ली की फीडबैक यूनिट की आड़ में मनीष सिसोदिया पर दर्ज एफआईआर कल्पना पर आधारित है

फीडबैक यूनिट की आड़ में सिसोदिया पर दर्ज एफआईआर कल्पना पर आधारित : आप
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नई दिल्ली। आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा के मुताबिक दिल्ली की फीडबैक यूनिट की आड़ में मनीष सिसोदिया पर दर्ज एफआईआर कल्पना पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आधे राज्य का उपमुख्यमंत्री 8 साल तक पीएम सहित बड़े नेताओं की जासूसी करता रहा और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को पता नहीं चला। ऐसे में इनके अधिकारियों को निलंबित करो। राघव चड्ढा का कहना है कि केंद्र सरकार की एजेंसियां जासूसी को नहीं पकड़ पाईं तो चीन-पाक से क्या लड़ पाएंगी।

राघव चड्ढा ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान इस बात पर नहीं है कि चीन-पाकिस्तान से कैसे लड़ना है। उनका फोकस बस आम आदमी पार्टी को रोकने पर है। उन्होंने कहा कि गुजरात का किरन भाई पटेल 6 महीने तक कश्मीर में पीएमओ का एडिशनल डायरेक्टर बनकर सरकारी पैसे से मौज-मस्ती करता रहा।

चड्ढा ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में कहा कि मनीष सिसोदिया पर फीडबैक यूनिट की आड़ में एक और झूठा मुकदमा किया गया है। भारतीय जनता पार्टी का झूठा आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की 2015 के बाद लगातार जासूसी करवाई। इसके चलते उन पर सीबीआई का एक नया मुकदमा दर्ज हो गया। मैं केंद्र में बैठी प्रचंड बहुमत की भाजपा सरकार से पूछना चाहता हूं कि एक आधी स्टेट का एक आधा उप-मुख्यमंत्री पिछले 8 सालों से देश के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों की जासूसी करा रहा था। लेकिन इसकी कानों-कान खबर केंद्र सरकार, सीबीआई, ईडी, रॉ, आईबी, एनआईए जैसी देश की बड़ी एजेंसियों को नहीं मिली।

उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो सबसे बड़ा सवाल भारत की एजेंसियों और केंद्र सरकार की काबिलियत पर खड़ा होता। अगर 8 साल से कोई आपकी जासूसी करा रहा था और आपको इतने सालों तक पता नहीं लगा। ऐसे में फिर चीन और पाकिस्तान आपके साथ क्या-क्या कर रहा है। उससे आप कैसे लड़ पाएंगे। अगर किसी ने आपकी जासूसी की है तो सबसे पहले एनआईए, आईबी और रॉ के बड़े-बड़े अधिकारियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें। उन्हें पकड़कर जेल में डाले और उनपर सीबीआई के मुकदमे करें। क्योंकि अगर पिछले 8 साल से कोई आपकी जासूसी कर रहा है और देश की सेंट्रल एजेंसियां पता ही नहीं लगा पा रही हैं तो वह अपना काम नहीं कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी वालों को एक हिदायत देना चाहता हूं कि आरोप ऐसे लगाओ जिनपर लोग विश्वास करें। फीडबैक यूनिट की आड़ में सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया पर दर्ज की गई एफआईआर, तथ्यों पर बेस्ड नहीं है, बल्कि फिक्शन पर बेस्ड है। ये बीजेपी के अपने मन के ख्याल हैं। बीजेपी ने केवल एक ही मकसद से मनीष सिसोदिया के खिलाफ जासूसी के नाम पर एफआईआर दर्ज की है, ताकि वह जेल से बाहर न आ पाएं। एक मुकदमे में बेल मिले तो दूसरा मुकदमा दर्ज कर दो। दूसरे मुकदमे में बेल मिले तो तीसरा मुकदमा दर्ज कर लो। मुकदमे दर्ज करके ये चीज सुनिश्चित करो कि अरविंद केजरीवाल का दाहिना हाथ मनीष सिसोदिया जेल से बाहर न आ पाएं। इसी कवायद में पूरी केंद्र सरकार लगी है।


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