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'टूल किट' लेखकों के खिलाफ एफआईआर, अभी तक किसी का नाम नहीं : दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में देश को बदनाम करने की 'अंतरराष्ट्रीय साजिश' की जांच के लिए अपने साइबर सेल के साथ प्राथमिकी दर्ज की है

टूल किट लेखकों के खिलाफ एफआईआर, अभी तक किसी का नाम नहीं : दिल्ली पुलिस
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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में देश को बदनाम करने की 'अंतरराष्ट्रीय साजिश' की जांच के लिए अपने साइबर सेल के साथ प्राथमिकी दर्ज की है। विशेष पुलिस आयुक्त प्रवीर रंजन ने कहा कि प्राथमिकी आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 'आपराधिक साजिश' और 'समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने' के प्रयास के लिए दर्ज की गई है। उन्होंने दावा किया कि 26 जनवरी को हुई हिंसा सोशल मीडिया पर साझा किए गए टूलकिट में बताई गई है।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने स्वीडिश जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग का नाम इस एफआईआर में शामिल किया है, पर उन्होंने कहा, "हमने एफआईआर में किसी का नाम नहीं लिया है, यह केवल टूलकिट के रचनाकारों के खिलाफ है जो जांच का विषय है और दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है।"

हालांकि, किसानों के विरोध पर उनके ट्वीट का उल्लेख मामले में किया गया है।

इससे पहले, स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ने एक 'टूलकिट' साझा किया, जिसमें लोगों को यह बताया जा रहा है कि कैसे किसानों के प्रदर्शन का लोगों को समर्थन करना चाहिए।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि 300 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की गई है, जो किसान प्रदर्शन पर दुर्भावनापूर्ण सामग्री सर्कुलेट करते देखे गए।

भारत के कृषि कानूनों केखिलाफ व्यापक विरोध अभियान में शामिल पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। पुलिस ने कहा कि जो हिंसा हुई, वह स्क्रिप्टेड है।

एफआईआर की खबर सामने आने के तुरंत बाद, थनबर्ग ने गुरुवार को ट्वीट किया, "मैं अभी भी किसानों के साथ हूं और उनके शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन करती हूं।"

विदेश मंत्रालय ने इससे पहले एक बयान जारी कर कहा था, "ऐसे मामलों पर टिप्पणी करने से पहले, हम आग्रह करेंगे कि तथ्यों का पता लगाया जाए और इस बारे में उचित समझ विकसित की जाए।"


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