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बुंदेलखंड : पूर्व विधायक के खिलाफ गैर पंजीकृत हाथी पालने की प्राथमिकी

उत्तर प्रदेश में चित्रकूट जिले के रैपुरा थाना में बुधवार को सपा के पूर्व विधायक और मृत दस्यु सरगना ददुआ के बेटे वीर सिंह के खिलाफ गैर पंजीकृत हाथी पालने पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है

बुंदेलखंड : पूर्व विधायक के खिलाफ गैर पंजीकृत हाथी पालने की प्राथमिकी
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चित्रकूट (उप्र), उत्तर प्रदेश में चित्रकूट जिले के रैपुरा थाना में बुधवार को सपा के पूर्व विधायक और मृत दस्यु सरगना ददुआ के बेटे वीर सिंह के खिलाफ गैर पंजीकृत हाथी पालने पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। रैपुरा थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) रमेशचन्द्र ने बताया, "रैपुरा वन क्षेत्र के रेंजर रामप्रकाश शुक्ला की तहरीर पर बुधवार को चित्रकूट जिले की सदर सीट कर्वी के समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक वीर सिंह के खिलाफ गैर पंजीकृत हाथी पालने का एक मुकदमा दर्ज किया गया है।"

जिला प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) कैलाश प्रकाश ने बताया, "पूर्व विधायक वीर सिंह एक जय सिंह नाम का एक हाथी पाले हैं। नोटिस देने के बाद भी जिसका पंजीयन नहीं करवाया है, जबकि यह हाथी दो बार उत्पात मचा चुका है।"

उन्होंने कहा, "जिले में दो पालतू हाथी हैं। एक निमोर्ही अखाड़ा में है, जिसका रजिस्ट्रेशन है। दूसरा वीर सिंह पाले हैं, जिसका जानबूझकर पंजीयन नहीं करवाये हैं।"

डीएफओ ने बताया, "नियमत: हाथी पालक को वन विभाग में पंजीयन करवाना चाहिए और हर साल पशु पालन विभाग से उसका स्वास्थ्य प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना चाहिए। साथ ही धर्मकांटा से वजन करवाकर जमा करना भी अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो पशु क्रूरता अधिनियम व वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत भी यह दंडनीय अपराध है।"

वहीं, कर्वी सदर सीट से सपा के पूर्व विधायक वीर सिंह ने कहा, "यह हाथी मेरा नहीं है, बल्कि सती अनुसुइया आश्रम ट्रस्ट कबरा मंदिर धाता फतेहपुर के महंत भइया बाबा का है। लेकिन, हाथी के यहां रहने पर भोजन-पानी का इंतजाम जरूर कर दिया जाता है। मेरे खिलाफ यह मुकदमा राजनीतिक विद्वेष के चलते दर्ज किया गया है।"

जानकर सूत्रों का कहना है कि फतेहपुर के धाता कस्बे के कबरा मंदिर का निर्माण पूर्व विधायक के पिता दस्यु सरगना ददुआ ने करवाया था और भारी भरकम भंडारे के दौरान पुलिस को चकमा देकर खुद ददुआ ने यह हाथी मंदिर को दान किया था। साथ ही हाथी का खुद 'जय सिंह' नाम से नामकरण भी किया था। इसलिए इस हाथी को परिवारिकजन ददुआ की निशानी के रूप में देखते हैं।


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