वित्त मंत्री ने लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया।

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया।
उन्होंने आर्थिक सर्वे पेश करते हुए वर्ष 2018-19 में आर्थिक विकास दर 7- 7.5 प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया।
स्वास्थ्य परिणामों में स्वच्छता के महत्वपूर्ण प्रभाव का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्रामीण भारत में स्वच्छता कवरेज 2014 के 39 प्रतिशत से बढ़कर जनवरी, 2018 में 76 प्रतिशत किया गया है।
2014 में खुले में शौच जाने वाले व्यक्तियों की आबादी 55 करोड़ थी, जो जनवरी, 2018 में घटकर 25 करोड़ हो गई है। अब तक पूरे देश में296 जिलों तथा 3,07,349 गांव को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है।
8 राज्यों और 2 केन्द्रशासित प्रदेशों - सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, केरल, हरियाणा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, दमन और दीव तथा चंडीगढ़ – को खुले में शौच से पूर्ण रूप से मुक्त घोषित किया गया है।
सर्वेक्षण कहता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच जाने वाले व्यक्तियों की संख्या में तेजी से कमी आई है। इससे ओडीएफ क्षेत्रों में सकारात्मक स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव दिखाई पड़ता है। यूनिसेफ की ‘भारत में एसबीएम का वित्तीय और आर्थिक प्रभाव’ रिर्पोट ने आंकलन किया है कि ओडीएफ गांव में एक परिवार प्रतिवर्ष 50,000 रुपये की बचत करता है।
किसानों के लिए 2017-18 का बजट:
लघु अवधि फसल ऋण पर किसानों को प्रदान की जाने वाली ब्याज सहायता से उत्पन्न होने वाली विभिन्न देयताओं को पूरा करने के लिए 2017-18 में भारत सरकार द्वारा 20,339 करोड़ रुपये की धनराशि अनुमोदित की गई है। इसके साथ ही फसल कटाई के बाद भंडारण संबंधी ऋण देश में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आगत अपेक्षा को पूरा करता है।
आर्थीक सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल बीमा, फसलों के ऋण से जुड़ा है। लिहाजा किसान फसल ऋणों का फायदा उठाते हुए सरकार की दोनों किसानों के अनुकूल पहलों से लाभ ले सकेंगे।
सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना चाहती है। इसके लिए बीज से लेकर बाजार तक सरकार ने तमाम तरह की पहल की है। संस्थानात्मक स्रोतों से क्रेडिट, सभी ऐसे सरकारी प्रयासों जैसे सायल हेल्थ कार्ड, इनपुट प्रबंध, प्रधानमन्त्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY), PMFBY, E-NAM इत्यादि में पर ड्रापमोरक्रॉप को विभुषित करेगा।
समावेशी और विकास:
सर्वेक्षण में नोट किया गया है कि भारत का विश्व की अग्रणी ज्ञान अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरना तय है जहां शिक्षा, कौशल विकास एवं स्वास्थ्य सरकार के लिए प्राथमिकताएं बनी रहेंगी।
जीडीपी के एक अनुपात के रूप में केन्द्र एवं राज्यों द्वारा सामाजिक सेवाओं पर व्यय 2012-13 से 2014-15 के दौरान 6 प्रतिशत के दायरे में बना रहा था। 2017-18 (बजट अनुमान) में सामाजिक सेवाओं पर व्यय 6.6 प्रतिशत है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में अनुशंसा की गई है कि आर्थिक विकास और प्रभावी बाजार अनिवार्य हैं, यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि विकास के लाभ सभी नागरिकों तक समान रूप से पहुंचे। सर्वेक्षण में निष्कर्ष के रूप में कहा गया है कि नीति एवं संस्थागत आर्थिक प्रणाली की सहायता करने वाले समावेशी विकास का सुदृढ़ीकरण हमारी सर्वोच्च नीतिगत प्राथमिकता होनी चाहिए।


