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फिल्म रिव्यु - शिमला मिर्च

रमेश सिप्पी ने इस फिल्म को काफी समय पहले बनाया था और रिलीज़ अब जाकर किया है जोकि साफ़ पता चलता है। फिल्म में हेमा मालिनी काफी समय बाद नज़र आती है

फिल्म रिव्यु - शिमला मिर्च
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जबसे फिल्में शुरू हुई है तबसे कुछ एक साल को छोड़कऱ नए साल के पहले सप्ताह में ज्यादातर फिल्मे फ्लॉप ही साबित होती है जिसका कारण यह हो सकता है की लोग तीन घंटे सिनेमाघर में बैठने से ज्यादा फैमिली के साथ टाइम स्पेंड करना और घूमना ज्यादा पसंद करते है इसीलिए कुछ सालो से बड़े निर्देशक नए साल के पहले सप्ताह में फिल्म रिलीज़ करने में कतराते है इसीलिए कई छोटे बजट की फिल्में जिनको सही टाइम नहीं मिल पाता वो अपनी फिल्में इस सप्ताह रिलीज़ करके बस खानापूर्ति कर लेते है, जिसके कारण ही इस सप्ताह कुछ रुकी हुई फिल्में रिलीज़ हुई जिनमे निर्देशक रमेश सिप्पी की फिल्म 'शिमला मिर्ची' है, जिसमें हेमा मालिनी, राजकुमार राव, रकुलप्रीत सिंह, शक्ति कपूर और कंवलजीत सिंह जैसे कलाकार है

फिल्म रिव्यु - शिमला मिर्ची

जैसा की नाम से पता चल रहा की शिमला मिर्ची कोई तीखी मिर्च होगी यह वैसी बिलकुल नहीं है, रमेश सिप्पी ने इस फिल्म को काफी समय पहले बनाया था और रिलीज़ अब जाकर किया है जोकि साफ़ पता चलता है। फिल्म में हेमा मालिनी काफी समय बाद नज़र आती है। सवा दो घंटे की इस फिल्म को कॉमेडी टच देने की कोशिश कि गयी है और फिल्म देखकर लगता है की इस फिल्म की पब्लिसिटी पर ध्यान दिया जाता तो फिल्म अच्छा बिज़नेस कर सकती थी क्योंकि राजकुमार राव को लोग देखना पसंद करते है और पिछले कुछ समय से रकुलप्रीत ने भी अपनी अदाकारी से लोगो को बांधा हुआ है। जहाँ तक फिल्म की कहानी की बात है फिल्म शुरू होती है शिमला की हसीन वादियों, बर्फीली पहाड़ियों और अविनाश यानि राजकुमार राव से जो अपनी फैमिली के साथ शिमला छुट्टियां मानाने गया है, शिमला घूमते घूमते उसकी नज़र एक खूबसूरत लड़की नैना यानि रकुलप्रीत पर पड़ती है जिसे वो देखते ही पसंद करने लगता है, क्योंकि अविनाश थोड़े शर्मीले स्वभाव का है इसीलिए वो उसे देखकर शर्मा जाता है और उसके मुँह से आवाज़ भी नहीं निकलती। नैना एक कैफ़े में काम करती है और यह भी उसी कैफ़े में काम करने लग जाता है ताकि समय मिलने पर यह उसे प्रपोज़ कर सके लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाता और वो खत के ज़रिये अपनी बात पहुँचाने की कोशिश करता है और वह खत चला चला जाता है उसकी माँ रुक्मणि यानि हेमा मालिनी के हाथों में, तलाकशुदा रुक्मणि अविनाश को देखते ही सपने सजाने लग जाती है, उसे लगता है की अविनाश उसको चाहता है। राजकुमार राव हमेशा की तरह अपनी अदाकारी का असर छोड़ते है तो रकुल भी अपनी भूमिका में परफेक्ट नज़र आती है। हेमा मालिनी इस फिल्म में कॉमेडी करती नज़र आती है तो शक्ति कपूर अपने बकवास जोक से दर्शको को हँसाने की कोशिश करते नज़र आते है। फिल्म की कहानी अच्छी है इसे और बेहतर बनाया जा सकता था।

फिल्म समीक्षक

सुनील पाराशर


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