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फिल्म रिव्यु - 'बाला'  

आयुष्मान खुराना जो अपनी पहली फिल्म विक्की डोनर से अब तक लगातार कम बजट की सात हिट दे चुके है इसीलिए आज आयुष्मान खुराना एक कम बजट के सुपरस्टार बन गए

फिल्म रिव्यु - बाला  
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पहले सुपरस्टार रहे राजेश खन्ना जिन्होंने लगातार कई फिल्मे सुपरहिट दी है इसीलिए उन्हें पहला सुपरस्टार भी कहा जाता है और उसी रेंज में अब बॉलीवुड में आये है वो है आयुष्मान खुराना जो अपनी पहली फिल्म विक्की डोनर से अब तक लगातार कम बजट की सात हिट दे चुके है इसीलिए आज आयुष्मान खुराना एक कम बजट के सुपरस्टार बन गए है जिन्हें दर्शक देखना पसंद करते है खासकर दिल्ली वाले क्योंकि दिल्ली का मुंडा होने का उन्हें बेनिफिट जो मिलता है वो बहुत बड़ा है, इस सप्ताह उनकी फिल्म 'बाला' रिलीज़ हुई जिसमें आजकल के दो अहम मुद्दों को दिखाया गया है पहला लड़को के कम उम्र में ही बालों का झड़ जाना और दूसरी लड़कियों का सांवलापन जो लोगों को पसंद नहीं आता, अगर शादी की बात की जाती है तो हर किसी को खूबसूरत और गोरी लड़की ही चाहिए होती है, लोग लड़की की सीरत नहीं बस सूरत ही देखते है जो आज समाज की बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है, इस फिल्म में इन दोनों ही मुद्दों को उठाया गया है कि अगर आपके अंदर कोई कमी है तो उसे अपनी ताकत बनाओ और अपनी ज़िन्दगी को एन्जॉय करो।

फिल्म रिव्यु - 'सैटलाइट शंकर'
इसी के साथ निर्देशक इरफ़ान कमल की फिल्म 'सैटलाइट शंकर' रिलीज़ हुई जिसमें सूरज पंचोली, मेघा आकाश, पामोली घोष जैसे कलाकार है। सैटलाइट शंकर ऐसे सोल्जर की कहानी है जिसे अपनी माँ से मिलने के लिए आठ दिन की छुट्टी मिलती है पर शर्त होती है की उसे आठवें दिन आर्मी बेस किसी भी हाल में वापिस जाना है पर कश्मीर से घर जाते समय वो मुसीबत और परेशानियों में फंसे हुए लोगों की मदद करता है जो उसकी आदत है जिसकी वजह से कई बार वो बड़ी परेशानियों में पड़ जाता है और इसी वजह से उसकी छुट्टियों के छः दिन खत्म हो जाते है। अब वो अपनी माँ से मिल पाता है या नहीं यही यह तो फिल्म देखने पर ही पता चलेगा। फिल्म में कई एक्शन सीन है जो काफी अच्छे है। सूरज पंचोली फिल्म में अच्छे लगे है।

फिल्म रिव्यु - 'बाईपास रोड'
इसी के साथ निर्देशक नमन नितिन मुकेश की फिल्म 'बाईपास रोड' भी रिलीज़ हुई जिसमें नील नितिन मुकेश, अदा शर्मा, शमा सिकंदर, रजत कपूर, मनीष चौधरी, सुधांशु पांडे, गुल पनाग और ताहिर शब्बीर जैसे कलाकार है, यह एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है जिसमें सारा ब्रिगेंजा यानि शमा सिकंदर की मौत हो चुकी है और उसी दिन विक्रम कपूर यानि नील नितिन मुकेश को भी एक्सीडेंट से मरवाने की कोशिश की जाती है जिसमें उसके दोनों पैर ख़राब हो जाते है। विक्रम, राधिका यानि अदा शर्मा से प्यार करता है और सारा ब्रिगेंजा, जिम्मी यानि ताहिर शब्बीर की मंगेतर है और पुलिस को उसी पर सारा की मौत का शक है। सारा और विक्रम का एक पास्ट है जो दोनों को जोड़ता है।सारा को किसने और क्यों मारा है और विक्रम को कौन मारना चाहता है यह तो फिल्म देखने पर ही पता चलेगा। फिल्म पास्ट और प्रेजेंट दोनों में चलती है जिसकी वजह से कहानी भटकी हुई लगती है। नील नितिन मुकेश फिल्म में अच्छे लगे है और रंजीत कपूर और मनीष चौधरी ने बेहतरीन अदाकारी की है।

फिल्म रिव्यु - 'बाला'
कलाकार - आयुष्मान खुराना, यामी गौतम, भूमि पेडनेकर, जावेद जाफरी और सौरभ शुक्ला।
अब बात करते है निर्देशक अमर कौशिक की फिल्म 'बाला' की, बालमुकुंद उर्फ़ बाला यानि आयुष्मान खुराना को उसकी नौकरी में डिमोशन करके एग्जीक्यूटिव से सेल्समैन बना दिया जाता है साथ ही उसकी गर्लफ्रेंड भी उसे छोड़कर चली जाती है और उसकी शादी भी नहीं हो पा रही है, जिसका बस एक ही कारण है उसके बालों का असमय झड़ जाना, इसी वजह से वो उम्र दराज़ लगने लग जाता है और लोग भी उसका मज़ाक उड़ाने लगते है, वो बाल उगाने के कई तरह के इलाज करवाता है जिसका कोई असर नहीं होता और वो काफी निराश रहता है, उसके निराश रहने का एक कारण यह भी है की पहले बाला के बाल काफी घने और सिल्की हुआ करते थे और वो अपने बालो पर खूब इतराया करता था लेकिन पच्चीस तक आते आते उसके बाल झड़ जाते है, बाल उगाने की वो भरसक कोशिश कर चुका है पर कहीं से भी उसे फायदा नहीं मिलता तब वो हेयर ट्रांसप्लांट करवाने के लिए सोचता है पर डायबटीज़ की वजह से डॉक्टर उसका हेयर ट्रांसप्लांट करने के लिए मना कर देते है अब उसके सामने बस एक ही ऑप्शन बचता है वो है अपने पिता सौरभ शुक्ला की लायी हुई विग पहनना। इसी के साथ साथ एक कहानी लतिका यानि भूमि पेडनेकर की भी चलती है जो बालमुकुंद की स्कूल मेट है जो उसे प्रॉब्लम्स से लड़ने के लिए कहती है पर बाला उससे चिढ़ता है जिसका कारण है लतिका का काला रंग, लतिका एक वकील है फिर भी उसे उसके रंग के कारण काफी रिजेक्शन मिल चुके है पर वो उससे कभी हार नहीं मानती है। अब बालमुकुंद अपने पापा के दिए सुझाव को यूज़ करता है और विग पहनता है, विग पहनने के बाद बाला अपने आपको कॉंफिडेंट महसूस करता है जिसके चलते उसे एक टिक टॉक स्टार परी यानि यामी गौतम से प्यार हो जाता है और वो भी उसे प्यार करने लगती है और उनकी शादी तक बात पहुँच जाती है पर उसको यह नहीं पता की उसके बाल नहीं है, उनकी शादी हो पाती है या नहीं यह तो फिल्म देखने पर पता चलेगा।

निर्देशक अमर कौशिक ने आज के जिन दो मुद्दों को उठाया है वो आजकल हर दूसरे घर में दिखाई देते है, फिल्म में कॉमेडी का काफी टच डाला गया है जो काफी अच्छा लगा है। फिल्म का क्लाइमेक्स बहुत अच्छा है जिसे देखने के लिए सिनेमाघर जाना बहुत ज़रूरी है। इस फिल्म में भी आयुष्मान खुराना ने एक बार फिर अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों का दिल जीत लिया है, वह अपने हर सीन में फिट बैठे है। यामी गौतम फिल्म में बड़ी खूबसूरत लगी है साथ ही भूमि ने लतिका के किरदार को बखूबी जिया है और वो उसमे छा गयी है। बाकि सभी सौरभ शुक्ला, जावेद जाफरी और सीमा पाहवा ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है।

फिल्म समीक्षक
सुनील पाराशर


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