गलत तरीके से दाखिला लेने वाले छात्रों के दस्तावेज तलब
मध्यप्रदेश चिकित्सा विज्ञान विश्व विद्याालय ने सभी शासकीय और निजी मेडिकल तथा डेंटल कॉलेजों को पत्र लिख एनआरआई कोटे के तहत दाखिला पाने वालें छात्रों के दस्तावेज तलब किये हैं
जबलपुर। मध्यप्रदेश चिकित्सा विज्ञान विश्व विद्याालय ने सभी शासकीय और निजी मेडिकल तथा डेंटल कॉलेजों को पत्र लिख एनआरआई कोटे के तहत दाखिला पाने वालें छात्रों के दस्तावेज तलब किये हैं।
कॉलेजों को पत्र लिखकर 10 अक्टूबर तक आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करने के निर्देश दिये गये है। विश्व विद्यालय द्वारा तीन अक्टूबर को जारी किये गये पत्र को सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज एवं डेंटल कॉलेजों से कहा गया कि वर्ष 2016-17 में बीडीएमएस, एमबीबीएस, एसडीएस तथा एमडी, एमएस, डिप्लोमा, सुपर स्पेशलिस्ट पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले छात्रों के आवश्यक दस्तावेज 10 अक्टूबर तक जमा करवाने के निर्देश दिये गये हैं।
पत्र में यह भी कहा गया कि है कि निर्धारित तिथि तक आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाये जाते है तो विश्व विद्यालय द्वारा छात्रों को नामांकन प्रदान नहीं किया जायेगा, जिसकी जिम्मेदारी कॉलेज प्रबंधन की होगी।
विश्व विद्यालय ने कॉलेज प्रबंधन से एनआरआई कोटे के दिये गये छात्रों की प्रवेश सूची के साथ उन्हें किस गाइड लाईन के आधार पर प्रवेश दिया है, इस संबंध में दस्तावेज मांगे है। इसके अलावा प्रवेश परीक्षा तथा अलॉटमेंट लेटर भी मांगे गये हैं।
विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ आर एस शर्मा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में निर्धारित सीटों का 15 प्रतिशत एनआरआई कोटा निर्धारित रहता है।
विश्व विद्यालय के अधीन प्रदेश के सभी 6 मेडिकल कॉलेजों के अलावा सात निजी मेडिकल कॉलेज आते है। इन मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स के लिए 150 सीट आवंटित है। इसके अलावा एमसीआई द्वारा प्रतिवर्ष एमडी, एमएस, डिप्लोमा, सुपर स्पेशलिस्ट पाठ्यक्रम के लिए सीट आवंटित करता है। इसके अलावा शासकीय इंदौर डेंटल कॉलेज सहित 10 डेंटल कॉलेज विश्व विद्यालय के अधीन है।
इन कॉलेजों को पत्र जारी कर एनआरआई कोटे के तहत दाखिला लेने वाले छात्रों से संबंधित दस्तावेज मांगे है। जो छात्र आपात्र होगे उनके नामांकन विश्व विद्यालय द्वारा नहीं किया जायेगा।
विश्व विद्याालय के अंतगर्त आने वाले सात प्राईवेट मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटे में फजीवाड़ा कर प्रवेश पाने वाले छात्रों पर अगामी दिनों में गाज गिर सकती है। इस कॉलेजों में एनआरआई कोटे की 158 सीटें हैं। इसके अलावा पीजी कोर्स, बीडीएमएस तथा एमडीएस कोर्स में भी एनआरआई कोटे में हुई धांधली भी दस्तावेजों की जांच में उजागर होने की संभावना है।
एनआरआई कोटे की सीटे कॉलेज प्रबंधन द्वारा लाखों रूपये लेकर बेंचे जाने के आरोपी की वास्तविकता भी दस्तावेजों की जांच में उजागर हो जायेगी।
प्रदेश के प्राईवेट मेडिकल कॉलेजों के द्वारा प्रवेश नियम 2017 का पालन नहीं किया गया है। नियम की धारा 6 (3) के तहत एनआरआई कोटे में प्रवेश लेने वाला छात्र को स्वंय आप्रवासी होना चाहिए। इस संबंध में उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव, सचिव स्वास्थ विभाग तथा डीएमई से शिकायत की है।


