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स्वीकृति के लिए फिर पहुंची एलिवेटड की फाइल

  दिल्ली से नोएडा की बेहतर कनेक्टिविटी व नोएडा प्रवेश द्वार पर जाम की समस्या को सामाप्त करने के लिए एलिवेटड रोड बनाई जानी है

स्वीकृति के लिए फिर पहुंची एलिवेटड की फाइल
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नोएडा। दिल्ली से नोएडा की बेहतर कनेक्टिविटी व नोएडा प्रवेश द्वार पर जाम की समस्या को सामाप्त करने के लिए एलिवेटड रोड बनाई जानी है।

जिसमें चिल्ला रेगुलेटर से लेकर महामाया फ्लाई ओवर के उपर से होकर एक्सप्रसे-वे तक एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा। इसकी स्वीकृति के लिए प्राधिकरण ने नए सिरे से यूनाइटेड ट्रैफिक ट्रांसपोटेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग (यूटीटीआईपीईसी) के पास स्वीकृति के लिए भेजा है। यह योजना 2014 में भी प्रस्तावित की गई थी। इस दौरान महज दिल्ली नोएडा भूमि विवाद के चलते इसे स्वीकृति नहीं मिली थी।

ऐसे में करीब चार साल बाद दोबारा से इस परियोजना को महत्वपूर्ण बताया गया है। दरअसल, 2014 में नोएडा प्रवेश द्वार यातायात के बढ़ते दबाव के चलते यहा एलिवेटड रोड प्रस्तावित की गई। प्राधिकरण बोर्ड से इस एलिवेटड को मंजूरी दे दी। प्लान था कि चिल्ला गांव के पास चिल्ला रेगुलेटर से यह एलिवेटड रोड शाहदरा ड्रेन होते हुए बनाई जाएगी।

प्लानिंग तैयार करने के बाद दिल्ली से कनेक्टिविटी के लिए 2014 में इसका प्रस्ताव यूपीटीटीआईपीईसी एसं अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए दिल्ली सिचाइंर् एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग में प्रस्ताव भेजा गया। इसके बाद यूपीटीटीआईपीईसी में कोर ग्रुप व वर्किंग कमेटी की लगभग 20 बैठक आयोजित की गई।

जिसमे प्रस्ताव पर तकनीक रूप से विचार करते हुए आशिंक संसोधन के साथ योजना को स्वीकृति मिल गई। अंतिम स्वीकृति के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल के पास 50वीं बैठक में प्रस्तुत किया गया।

भूमि विवाद के चलते नहीं मिली थी स्वीकृति

प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल ने इस परियोजना को दिल्ली सरकार की कालिंदी बाई पास योजना से जोड़ते हुए कालिंदी बाईपास योजना के लिए दिल्ली सरकार को उप्र सिचाइंर् विभाग की आवश्यक भूमि हस्तानान्तरित न किए जाने संबंधित विवाद से जोड़ दिया।

परियाजना को यह कहकर स्वीकृति नहीं दी गई दिल्ली व उप्र सरकार पहले उक्त भूमि पर अपना विवाद निस्तारित करे। इसके बाद योजना पर विचार विमर्श किया जाएगा।

नए सिरे से स्वीकृति के लिए भेजा प्रस्ताव

इतना होने के बाद नोएडा प्रवेश द्वार पर यातायात का दबाव बढ़ता गया। लिहाजा दोबारा से इस योजना को शासन ने मंजूर किया। साथ नोएडा प्राधिकरण ने नए सिरे से स्वीकृति के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर यूटीटीआईपीईसी के समक्ष प्रस्तुत किया है। साथ ही स्वीकृति के लिए इस बार पहले से ज्यादा प्रयास किए जा रहे है। ताकि मंजूरी मिलने के बाद इस योजना पर काम किया जा सके।


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